लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में अभी कुछ डाक्टर और पलायन कर सकते है। निजी क्षेत्र अस्पताल प्रबंधन लगातार डाक्टरों के सम्पर्क में है। जल्द ही बातचीत पूरी होते ही डाक्टर केजीएमयू प्रशासन को इस्तीफा सौंप सकते है। लगातार डाक्टरों के पलायन से केजीएमयू में कु छ विभागों में एमसीआई के मानकों को पूरा नहीं कर पा रहे है।
केजीएमयू में अभी तक विभिन्न विभागों के सात डाक्टर अब तक इस्तीफा देकर जा चुके है। इनमें नेफ्रोलॉजी विभाग के डाक्टर के इस्तीफे से सबसे ज्यादा नुकसान के जीएमयू प्रशासन हुआ है। यहां पर किडनी प्रत्यारोपण योजना बिल्कुल बंद हो गयी है। केजीएमयू लगातार नेफ्रोलॉजी के डाक्टर की खोज कर रहा है, लेकिन अभी दूर – दूर तक डाक्टर मिलना मुश्किल है।
बताया जाता है कि कुछ निजी अस्पताल का प्रबंधतत्र केजीएमयू के वरिष्ठ डाक्टरों के सम्पर्क में बना हुआ है। बताया जाता है कि कुछ विभाग जैसे सर्जरी विभाग, कान -नाक- गला, कार्डियक विभाग तथा बाल रोग, पैथालॉजी विभाग के अलावा अन्य विभागों के डाक्टर पलायन कर सकते है। सबसे बड़ी बात यह है कि यह कुछ डाक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस भी अच्छी चलता है। इन डाक्टरों का कहना है कि जब हम दिन भर केजीएमयू में अपने-अपनों विभागों मरीजों को देखता है या सर्जरी भी की जाती है तो शाम को अगर घर पर ही डाक्टर मरीजो को देख लेता है, तो खास गलत नहीं कहलाता है। द्मद्म
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