न्यूज । ऐसे से शिशु जो बहुत अधिक झपकी लेते हैं उनकी शब्द-संपदा छोटी हो सकती है आैर संज्ञानात्मक कौशल कमजोर हो सकता है। एक नये अध्ययन में यह दावा किया गया है।
ब्रिटेन के ईस्ट एंग्लिया विश्वविद्यालय के अध्ययन में कहा गया है कि कुछ बच्चे नींद के दौरान जानकारी को अधिक कुशलता से याद रखते हैं आैर इस प्रकार, कम बार झपकी लेते हैं। शोधकर्ताओं ने कहा कि आमतौर पर कम शब्दों आैर खराब संज्ञानात्मक कौशल वाले अन्य बच्चों को अधिक बार झपकी लेने की जरूरत होती है। साथ ही यह भी कहा कि उनकी झपकी कम करने से मस्तिष्क के विकास में सुधार नहीं होगा।
जर्नल ऑफ चाइल्ड साइकोलॉजी एंड साइकिएट्री (जेसीपीपी) एडवांसेज में प्रकाशित अध्ययन में देखा गया कि’नींद को लेकर माता-पिता बहुत चिंतित रहते हैं। अभिभावकों को चिंता होती है कि उनके बच्चे अपनी उम्र के अनुसार उम्मीद के मुताबिक झपकी नहीं लेते हैं, या बहुत बार आैर बहुत देर तक झपकी लेते हैं।””
उन्होंने कहा, ”छोटे बच्चे स्वाभाविक रूप से उतनी ही देर तक झपकी लेंगे जितनी उन्हें जरूरत है आैर उन्हें ऐसा ही करने देना चाहिए।””
ग्लिगा ने कहा, ”हमारे निष्कर्षों से पता चलता है कि बच्चों की नींद की जरूरतें अलग-अलग होती हैं। कुछ बच्चे पहले ही झपकी लेना छोड़ सकते हैं क्योंकि उन्हें तब इसकी जरूरत नहीं होती है। जबकि अन्य को तीन साल की उम्र से पहले झपकी लेने की जरूरत हो सकती है।””
उन्होंने कहा कि बच्चों की नींद की जरूरतों का पता लगाने के लिए अभिभावकों को उनके मानसिक विकास की उम्र का ध्यान रखना चाहिए ना कि उनकी सही उम्र का।