लखनऊ – प्रदेश सरकार महिलाओं और बालिकाओं के सुरक्षा, सम्मान एवं स्वावलम्बन के लिए प्रतिबद्ध है। इस बाबत सरकार की ओर से मिशन शक्ति नाम से एक वृहद योजना संचालित की जा रही है। इसके तहत 1,535 थानों में हेल्पडेस्क की स्थापना की गयी है।
उत्तर प्रदेश सरकार बालिकाओं व महिलाओं के हित के लिए कई कल्याणकारी योजनाओं का संचालन कर रही है। बेटियों के प्रति लोगों में सकारात्मक सोच विकसित करने के लिए “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना को संचालित किया जा रहा है। कन्या सुमंगला योजना के तहत छह श्रेणियों में 15,000 रुपए की सहायता प्रदान की जा रही है।
प्रदेश में ग्रामीण महिलाओं को सामुदायिक सहभागिता के जरिए सशक्त बनाने के लिए “महिला शक्ति केन्द्र, संकटग्रस्त महिलाओं को संस्थागत सहयोग एवं पुनर्वासन के लिए “स्वाधार आश्रय गृह योजनाएं संचालित की जा रही हैं। निराश्रित महिलाओं को पौष्टिक भोजन, स्वास्थ्य, विधिक व परामर्शीय सेवाएं मुहैया कराने के लिए वृन्दावन एवं मथुरा में 1000 बेड्स की क्षमता के “कृष्ण कुटीर आश्रय सदन” का संचालन किया जा रहा है। छह माह से छह वर्ष तक आयु के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं धात्री माताओं के सर्वांगीण विकास के लिए प्रदेश के सभी जनपदों में समेकित बाल विकास सेवा योजना संचालित की जा रही है, जिससे 120.04 लाख बच्चे, 5.27 लाख गंभीर रूप से कुपोषित बच्चे और 35.86 लाख गर्भवती व धात्री माताएं लाभान्वित हो रहीं हैं।
एक लाख से अधिक बेटियों का कराया गया विवाह
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत प्रदेश में एक लाख से अधिक बेटियों का विवाह कराया जा चुका है। उत्तर प्रदेश सरकार ने बेटियों के विवाह पर अनुमन्य धनराशि को 35 हजार से बढ़ाकर 51 हजार रुपए की। इसके साथ ही गरीबी की रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले अनुसूचित जाति के लोगों की बेटियों के लिए प्रत्येक लाभार्थी को 20 हजार रुपए का अनुदान दिया जा रहा है। पिछड़े वर्ग के निर्धन व्यक्तियों की पुत्रियों की शादी के लिए अनुदान योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2019-20 में एक लाख लाभार्थियों को लाभान्वित किया जा चुका है। पति की मृत्यु के निराश्रित महिला पेंशन योजना के अन्तर्गत वर्तमान वित्तीय वर्ष में कुल 27.46 लाख लाभार्थियों को पेंशन का भुगतान किया जा चुका है।
छात्रवृत्ति योजना से मिला छात्राओं को लाभ
प्रदेश में पिछड़े वर्ग के पढ़ रहे 08 लाख से अधिक छात्र- छात्राओं को वित्तीय वर्ष 2019-2020 में पूर्वदशम् छात्रवृत्ति योजना और 20 लाख से अधिक छात्र – छात्राओं को दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना के तहत लाभान्वित किया जा चुका है। इसके अलावा 16 लाख से अधिक छात्र व छात्राओं को शुल्क प्रतिपूर्ति योजना के तहत लाभान्वित किया जा चुका है।