न्यूज। मोरपेन लेबोरेटरीज लिमिटेड ने हार्ट, डायबिटीज आैर लिवर से जुड़ी बीमारियों की दवाओं के बड़े बाजार के लिए तीन जेनेरिक दवाएं विकसित की हैं। कंपनी ने कहा है कि तीनों नए विकसित आैषधीय रसायन घरेलू आैर वैश्विक बाजार में बेचे जाएंगे। कंपनी की जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, ये दवाएं रिवरोक्जाबैन (व्यापारिक नाम जेरेल्टो), विल्डागलिप्टिन (व्यापारिक नाम – गाल्वस, ज़ोमेलिस), यूडीसीए (अर्सोडीऑक्सिकोलिक एसिड। रिवरोक्जबैन हृदय संबंधी बीमारी के उपचार, विल्डागलिप्टिन मधुमेह संबंधी उपचार क्षेत्र में कंपनी की स्थिति को मजबूत करेगा जबकि यूडीसीए यकृत (लीवर) संबंधी बीमारी दूर करने में काम आएगी। इन पर इनका मूल रूप से विकास करने वाली कंपनियों के पेटेंट अधिकार की अवधि खत्म हो चुकी है।
कंपनी के अनुसार रिवरोक्जबैन का वैश्विक बाजार 7.19 अरब डॉलर (करीब 51,000 करोड़ रुपये) आैर विल्डागलिप्टिन का बाजार आकार 1.28 अरब डॉलर (लगभग 9,000 करोड़ रुपये) है। विल्डागलिप्टिन टाइप-2 मधुमेह के इलाज में उपयोग होती है। रिवरोक्जबैन विश्व में सबसे ज्यादा बिकने वाली दसवीं दवा है। पहले दुनिया भर में इसके कारोबार पर बायर का पेटेंट था. मोरपेन लेबोरेटरीज लिमिटेड के चेयरमैन आैर प्रबंध निदेशक सुशील सूरी ने कहा, “कंपनी अपने पोर्टफोलियो में इन नयी आैषधियों के उत्पादन की अतिरिक्त क्षमता का निर्माण कर चुकी है आैर अब वह अपने पोर्टफोलियो के तहत इन तीन नए एपीआई को व्यावसायिक रूप से पेश करने के लिए तैयार है। यह मोरपेन की शोध एवं विकास केंद्र के समर्पित प्रयासों का नतीजा है।”
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