लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ डाक्टरों ने चौथा किडनी प्रत्यारोपण करने में सफलता पायी है। किडनी एक मां ने दान देकर अपने बेटे को नयी जिंदगी दी है। खास बात यह है कि किडनी प्रत्यारोपण केजीएमयू ने असाध्य कार्ड योजना के तहत निशुल्क किया गया है। दावा है कि मरीज का कोई खर्च नहीं हुआ है।
लखनऊ निवासी 28 वर्षीय युवक को अचानक सिर दर्द, पैरों में सूजन आना सहित अन्य दिक्कतें शुरू हुई। ब्लड प्रेशर भी निंयत्रण में नहीं था। युवक ने डॉक्टर से परामर्श लिया। जांच में किडनी में गड़बड़ी का पुष्टि हुई आैर इस बीच लगातार मरीज की तबीयत बिगड़ती चली गयी। डॉक्टरों ने दोनों गुर्दे खराब होने बात कर मरीज को डायलिसिस कराने की परामर्श दिया। लगभग डेढ़ साल से मरीज डायलिसिस पर चल रहा था। परिजन मरीज को लेकर केजीएमयू स्थित नेफ्रोलॉजी विभाग की ओपीडी में पहुंचे आैर विभागाध्यक्ष डॉ. विश्वजीत सिंह को दिखाया। डा. सिंह ने भी किडनी प्रत्यारोपण की आवश्यकता बतायी। वार्ता के दौरान परिजन किडनी प्रत्यारोपण के लिए तैयार हो गए।
डॉ. विश्वजीत सिंह ने बताया कि 50 वर्षीय मां ने बेटे की जान बचाने के लिए किडनी दान करने का फैसला किया। शनिवार को किडनी प्रत्यारोपण किया गया। प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि प्रत्यारोपण के बाद मरीज की तबीयत ठीक है।
केजीएमयू मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसएन शंखवार ने बताया कि मरीज का किडनी प्रत्यारोपण मुफ्त हुआ है। असाध्य कार्ड योजना से प्रत्यारोपण किया गया है। उन्होंने बताया कि केजीएमयू में तीसरा जीवत व एक ब्रोन डेड मरीज से गुर्दा लेकर मरीज की जान बचाई जा चुकी है। अब तक कुल चार गुर्दा प्रत्यारोपण हो चुके है। प्रत्यारोपण टीम में सीएमएस व यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. एसएन शंखवार, नेफ्रोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. विश्वजीत सिंह, डॉ. मेधीवी गौतम, डॉ. लक्ष्य और डॉ. दुर्गेश पुष्कर गुर्दा प्रत्यारोपण की प्रक्रिया शुरू की। इसमें पीजीआई के नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. नारायण प्रसाद, यूरोलॉजी विभाग के डॉ. उदय प्रताप, एनस्थीसिया विभाग की डॉ. दिव्या, डॉ. विवेक कुमार सिंह, डॉ. मनोज कुमार व एनीस्थीसिया विभाग के अध्यक्ष डॉ. जीपी सिंह, डॉ. तन्मय तिवारी और डॉ. नीलकमल तिवारी शामिल रहे।