लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में फायर फाइटिंग सिस्टम के तहत आग से लगने पर बचाव के लिए टैंक तो बन गए हैं, लेकिन इससे जुड़ने वाली पाइप लाइन सही तरीके से काम न करने पर ऐन वक्त पर दिक्कत हो सकती है।
करीब पांच साल पहले 12 करोड़ की लागत से केजीएमयू में फायर फाइटिंग सिस्टम तैयार करने की योजना बनाई गई थी। कार्यदायी संस्था सीएंडडीएस ने जल्दबाजी में टैंक बनाने कर जगह पहले पाइप लाइन बिछा दी। पिछले साल लगभग 2.40 करोड़ की लागत टैंक तैयार हुआ। अब जब टैंक को पाइप लाइन से कनेक्ट करके ट्रायल लिया गया है।
सब कुछ उलट पलट गया है। सूत्रों का कहना है कि जांच- पड़ताल के दौरान कई स्थानों पर पुरानी पाइप लीक हो गई। इससे पानी इधर- उधर बहने लगा। कार्यदायी संस्था ने पाइपों को ठीक कराना शुरु किया तो कई जगह उसके चोक मिली। अगस्त माह में शासन में हुई बैठक में कार्यदायी संस्था को 10 सितंबर तक काम पूरा कर केजीएमयू को हस्तांतरित करने का निर्देश दिया था, लेकिन अभी तक यह काम पूरा नहीं हो सका है।
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