बलरामपुर अस्पताल के डॉक्टरों को बड़ी कामयाबी मिली है। डॉक्टरों ने मरीज के घुटने का ऑपरेशन करने के बजाए दूरबीन से घुटने के मिनिस्कस की रिपेयरिंग कर मरीज का घुटना सही कर दिया। मरीज घुटने के दर्द से पिछले कई वर्षों से परेशान था और उसे चलने फिरने में परेशानी हो रही थी। मरीज अब सामान्य लोगों की तरह चलने फिरने लगा है।
राजधानी के पुराना तोफखाना बालागंज निवासी अर्जुन लाल के पुत्र सर्वेश कुमार त्रिपाठी को चार वर्ष पूर्व दाहिने पैर के घुटने में गंभीर चोट लग गई थी। घुटने में तेज दर्द शुरु होने पर उसने कई जगह इलाज कराया। जहां उसे दर्द की दवा दी जाती रही। दवा खाने के बाद दर्द से उसे आराम मिल जाता था, लेकिन दवा का असर खत्म होते ही उसकी तकलीफ फिर से बढ़ जा रही थी।
कुछ दिन पूर्व वह अपने परिजनों के साथ इलाज कराने बलरामपुर अस्पताल के आर्थोपैडिक ओपीडी में पहुंचा और वहां डॉक्टर को दिखाया। एमआरआई जांच कराने पर पता चला कि चोट के चलते मरीज के घुटने का मिनिस्कस उखड़ गया है। डॉक्टरों ने इस मामले को बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. राजीव लोचन को अवगत कराते हुए दूरबीन से मिनिस्कस की रिपेयरिंग करने का निर्णय लिया। इसके बाद निदेशक के सुपरविजन में महज दो घंटे में ही आर्थो सर्जन ने पहली बार अस्पताल में दूरबीन से मिनिस्कस की रिपेयरिंग करने में सफलता हासिल कर ली। इसके चलते मरीज का चार साल का दर्द दूर हो गया। दो दिन बाद ही उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। मरीज पूरी तरह से स्वस्थ्य है। दूरबीन से घुटने के मिनिस्कस की रिपेयरिंग बड़े मेडिकल संस्थानों व निजी अस्पतालों ही होती रही है।