लखनऊ. जीपीएस तकनीक से न्यूरो सर्जरी कारगर हो रही है. इस तकनीकी में विशेष वर्क स्टेशन में जब एम आर आई से प्राप्त सूचना डाल दी जाती है तो इसका सिस्टम m r i इमेज और ऑपरेटिंग कक्षा में मौजूद महेश के माध्यम से पहचानना शुरू कर देता है. इसके अलावा डाटा के दो सेट आपस में मिल आते हैं उसके बाद रिफरेंस पॉइंट और ऑप्टिकल डिटेक्टर GPS त्रिकोणीय सिद्धांत पर काम करने लगते हैं. इससे डॉक्टर एक पॉइंटर की मदद से यह पता लगाने में सहायता मिलती है कि एक निश्चित समय पर कहां काम कर रहा ह. इससे मरीज को यह फायदा होता है पूरा सिर साफ करने की वजह बिल्कुल उसी जगह कट लगाया जाता है जहां पर सर्जरी करनी होती है और डॉक्टर उस पर पूरा ध्यान केंद्रित कर देते हैं इसे न्यूरो नेविगेशन कहा जाता है .
इसके विशेषज्ञ डॉक्टर आदित्य गुप्ता की माने तो दिमाग के की उमर में सर्जिकल प्रबंधन में न्यूरो नेविगेशन एक बेहतर उपकरण बनता जा रहा है. ट्यूमर को हटाने जैसे ऑपरेशन करते समय इस तकनीक से डॉ उच्चस्तरीय न्यूरो सर्जरी कर पा रहे हैं. विशेषज्ञों की माने यह तकनीक मस्तिष्क के अंदर सही ढंग से पहुंचा जा सकता है इसमें सिर के बाल साफ करने की आवश्यकता भी नहीं पड़ती है सिर्फ ट्यूमर के बिल्कुल ऊपर एक छेद करना होता है. इस तकनीक से सर्जरी के बाद होने वाली परेशानियों से भी बचा जा सकता है. इस तकनीक में स्पेशल एम आर आई के जरिए बोलने और समझने वाले दिमाग के उस भाग को मारकर के निश्चित किया जाता है जिस का ऑपरेशन के दौरान अंदर कोई हानि ना पहुंचा सके ताकी मरीज सर्जरी के बाद बोलने और समझने में कोई दिक्कत ना करें.
डॉ गुप्ता की मानें तो इस तकनीक से सर्जरी करने के बाद मरीज को दो-तीन दिन बाद डिस्चार्ज कर दिया जाता है और वह बिल्कुल सामान्य जीवन व्यतीत करता है. आगे चलकर सिर में छेद का निशान भी नहीं रहता है और सिर दर्द की समस्या भी नहीं रहती मनीष की बोली में सामान्य हो जाती है. जब मस्तिष्क की सर्जरी की जाती है तब नेविगेशन सिस्टम डॉक्टरों के लिए दिमाग की संरचनाओं तक पहुंच संभव बनाता है ताकि आसपास के उत्तकों को कम से कम हानि पहुंच सके. सिस्टर की सहायता से डॉक्टर स्कैल्प और मस्तिष्क के अंदर आसानी से देख सकते हैं जिसके कारण की गहराई में ट्यूमर तक पहुंचना आसान हो जाता है.
डॉ बिना कोई नुकसान के नंबर को सफलतापूर्वक निकाल लेते हैं और मरीज को ज्यादा परेशानी भी नहीं होती है. बताते चलें पूरे वर्ल्ड में ज्यादातर न्यूरो सर्जन और स्पाइन सर्जरी द्वारा न्यूरो ु नेविगेशन का प्रयोग कर रहे हैं. भारत में भी इस तकनीक का प्रयोग विशेषज्ञ डॉक्टर करना शुरू कर दिए हैं.