सभी जिलों में बनेगी न्यू बॉर्न स्टेबिलाइजेशन यूनिट और स्पेशल न्यू बॉर्न केयर यूनिट

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*प्रदेश में 10,000 नए स्वास्थ्य उपकेंद्रों की होगी स्थापना*

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*ग्रामीणों की सेहत सुधारने के लिए खोले जाएंगे 5000 हेल्थ वेलनेस सेंटर*

*संचारी और गैर संचारी रोग प्रबंधन और उपचार की होगी व्यवस्था*

*उपकेन्‍द्रों में कम्‍युनिटी हेल्‍थ ऑफिसर की होगी तैनाती*

लखनऊ। प्रदेश की ग्रामीण व शहरी स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने तेजी से जमीनी स्‍तर पर काम किया है। जिसका परिणाम है कि आज प्रदेश के छोटे अस्‍पतालों से बड़े अस्‍पतालों में होने वाले रेफरल केसों में कमी आई है। प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं का आधारभूत ढांचे को बेहतर बनाने के लगातार काम कर रही है। नवजात बच्‍चों को बेहतर इलाज देने के लिए योगी सरकार ने हर जिले न्यू बॉर्न स्टेबिलाइजेशन यूनिट और स्पेशल न्यू बॉर्न केयर यूनिट बनाने व बेड की संख्‍या में विस्‍तार करने के आदेश दिए हैं। बता दें कि प्रदेश के महिला अस्‍पतालों में नवजातों के लिए 12 बेड वाले स्पेशल न्यू बॉर्न केयर यूनिट हैं जिनकी संख्‍या में तेजी से इजाफा किया जाएगा।

ग्रामीण इलाके के लोगों की सेहत सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं सरकार की ओर से चलाई जा रही हैं। प्रदेश में पिछले पांच सालों में पांच हजार नए स्वास्थ्य उपकेंद्र खोले जा रहे हैं। इन पांच हजार नए केंद्रों के खुलने के बाद इन योजनाओं को भी गति मिलेगी। इन नए उपकेन्‍द्रों पर जरूरी उपकरण, चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टाफ की व्‍यवस्‍था स्वास्थ्य विभाग की ओर से की जाएगी।

*प्रदेश में 10,000 नए स्वास्थ्य उपकेंद्रों की होगी स्थापना*

आने वाले पांच सालों में इन स्वास्थ्य उपकेंद्रों की स्थापना के कार्य को तेजी से गति दी जा रही है। पांच सालों में 10,000 नए उपकेंद्रों की स्थापना करने का लक्ष्‍य निर्धारित किया गया है। इन स्‍वास्‍थ्‍य उपकेन्‍द्रों के खुलने से ग्रामीण लोगों को कई सुविधाएं मिलेंगी। इन केंद्रों में मातृत्व स्वास्थ्य, शिशु स्वास्थ्य, टीकाकरण, किशोर स्वास्थ्य, मधुमेह, रक्तचाप की जांच, संचारी और गैर संचारी रोग प्रबंधन और उपचार की व्यवस्था होगी। इसके साथ ही योग और एक्सरसाइज, काउंसिलिंग, स्कूल हेल्थ एजुकेशन, आपात कालीन चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध रहती हैं। टीकाकरण और मातृत्व स्वास्थ्य की जांच और इलाज के अलावा मौसमी बीमारी, टीबी, मलेरिया की रोकथाम के उपाय बताने के साथ उपचार की सुविधा प्रदान की जाती है।

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