लखनऊ। प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना की नयी गाइडलाइन जारी की गयी है। इसके लागू होने के बाद अब निजी अस्पतालों को इलाज में फर्जीवाड़ा करना मुश्किल होगा। यह गाइड लाइन स्टेट एजेंसी फॉर कंप्रेहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (सांचीज) की ओर से निजी अस्पतालों के लिए नयी गाइडलाइन जारी कर दी गयी है। जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि नए नियमों को सख्ती से लागू किया जाएगा।
नयी गाइड लाइन को लखनऊ सीएमओ कार्यालय ने संबद्ध निजी अस्पतालों में लागू कर दिया है। आरोप है कि प्रदेश के कई निजी अस्पतालों ने आयुष्मान योजना में गड़बड़ी कर फर्जी भुगतान करा लिया। इसके बाद गड़बड़ी को रोकने के लिए नयी व्यवस्था बनायी गयी है। इस नयी गाइड लाइन के मुताबिक अस्पताल में आयुष्मान मरीज के साथ इलाज करने वाले डॉक्टर की फोटो भी भेजनी होगी। आईसीयू में भर्ती मरीजों की फोटो दिन में दो बार या फिर आठ-आठ घंटे के अंतराल में लोड की जाएगी।
इस निर्धारित हो सकेगा कि मरीज भर्ती आैर इलाज चल रहा है। इलाज विशेषज्ञ डॉक्टर कर रहे हैं, इसमें गड़बड़ी न हो, इसलिए डॉक्टर की फोटो भी अपलोड करनी होगी। महत्वपूर्ण यह है कि फोटो लेते समय जीपीएस इनेबल्ड अनिवार्य है। सिर्फ विशेषज्ञ डॉक्टर ही आईसीयू में भर्ती करने का परामर्श देना अनिवार्य है।
आयुष्मान योजना के नोडल ऑफिसर डॉ. विनय मिश्र का कहना है कि आईसीयू में मरीज को विशेषज्ञ डॉक्टर के परामर्श पर भर्ती होगा। एमबीबीएस डॉक्टर सिर्फ मरीज को आईसीयू रेफर ही कर सकेंगे। इसके बाद भी यदि किसी निजी अस्पताल के खिलाफ शिकायत मिलती है ,तो भुगतान रोक दिया जाएगा। यही नहीं पास हो चुका क्लेम को भी रोका जा सकेगा।
सीएमओ प्रवक्ता और स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी योगेश रघुवंशी का कहना है कि राजधानी के करीब 306 अस्पतालों में आयुष्मान योजना संचालित हो रही है। इसमें 258 सरकारी और 48 निजी अस्पताल शामिल हैं। योजना शुरू होने से लेकर अब तक 3914161133 रुपये मरीजों के इलाज पर खर्च हो चुके हैं। नयी गाइडलाइन को लागू करने के आदेश दे दिए गए हैं। इसका पालन नहीं करने वाले अस्पतालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।