लखनऊ। किं ग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय ने जीनोम सीक्वेंसिंग के तहत 109 सैम्पल की जांच में 107 सैमपल कोरोना वायरस का पुराना वैरिएंट डेल्टा निकला है। इसके अलावा दो सैम्पल में कोरोना वायरस के कप्पा वैरिएंट का पता चला है। केजीएमयू प्रशासन ने अभी यह खुलासा नहीं किया है कि कोरोना वायरस के वैरिएंट कप्पा के सैम्पलिंग कहा की गयी थी, लेकिन बताया जाता है कि कोरोना के नये वैरिएंट क प्पा दोनों केस राजधानी के ही बताये जाते है।
कप्पा वैरिएंट को लेकर विशेषज्ञ डाक्टरों के अलग- अलग मत है। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि क प्पा वेरिएंट नया नही है, यह पहले से मौजूद है। इसके बचाव व इलाज के उपाय भिन्न नही है, जबकि कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि डेल्टा वैरिएंट का बदला स्वरूप है। इसके संक्रमण से चपेट में आने वाले मरीजों की केस हिस्ट्री जानने की आवश्यकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अभी तक कोरोना वायरस के कप्पा वेरिएंट से पीड़ित लोगों में खांसी, बुखार, गले में खराश जैसे प्राथमिक लक्षण दिखाई देते हैं, जब कि अभी तक माइल्ड और गंभीर लक्षण कोरोना वायरस के अन्य म्यूटेंट्स के लक्षण की ही तरह होंगे। इसकी जानकारी एकत्र की जा रही है। कोरोना इस वैरिएंट को लेकर अभी रिसर्च की जा रही है। इसको देखते हुए अभी इससे जुड़ी कई नयी जानकारी सामने आ सकती है। केजीएमयू के प्रवक्ता डा. सुधीर कहना है कि डेल्टा वायरस तो दूसरी लहर में है, जब कि कप्पा वैरिएंट के मामले कहां है कि यह जानकारी माइक्रोबायोलाजी विभाग ने नहीं दी है। अभी इस पर आैर नयी जानकारी एकत्र की जा रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि डेल्टा व डेल्टा प्लस के बीच कप्पा वैरिएंट ने आकर नयी चुनौती खड़ी कर दी है, क्योंकि यह डेल्टा वायरस का ही बदला स्वरूप है, जो डेल्टा प्लस की तरह खतरनाक हो सकता है। डेल्टा प्लस को भारत में वैरिएंट ऑफ कंर्सन घोषित किया गया है, जबकि कप्पा वैरिएंट को डब्लूएचओ ने वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट घोषित कर चुका है। इसकी वजह इससे जुड़े मरीजों की जानकारी तलब की जा रही है। इसके साथ ही संबंधित जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों को यह निर्देश भी दिया गया है कि मरीजों की ट्रैवल हिस्ट्री से लेकर उनके परिवार के एक-एक सदस्यों की पूरी जानकारी इकट्ठा की जाए।