लखनऊ। चकगजरियां स्थित कल्याण सिंह सुपर स्पेशलिटी कैंसर संस्थान में निदेशक पद पर कौन चयनित किया जाएगा। अब यह एक यक्ष प्रश्न बन कर रह गया है। संस्थान में ढाई वर्ष से कार्यवाहक निदेशक की बदौलत काम काज चल रहा है। परन्तु एक बार फिर निदेशक चयन की प्रक्रिया निरस्त होने पर जल्दी ही स्थाई निदेशक मिलने की उम्मीद समाप्त हो गयी। राज्य सरकार ने एक बार फिर नये सिरे से विज्ञापन जारी कर आवेदन मांगे हैं।
फिलहाल अभी डॉ. आर के धीमन, बतौर कार्यवाहक निदेशक जिम्मेदारी संभाल रहे है।
बताते चले कि चिकित्सा शिक्षा विभाग ने कैंसर संस्थान के निदेशक पद की चयन प्रक्रिया को अपरिहार्य कारणों से निरस्त कर दिया था। इसके अब निदेशक पद के लिए दोबारा आवेदन मांग गये हैं।
बताते चले कि निरस्त हुई चयन प्रक्रिया तीन दर्जन से ज्यादा डाक्टरों ने प्रतिभाग किया था, फरवरी में 2024 में साक्षात्कार भी हुए, मगर लोकसभा चुनाव की आचार की वजह से प्रक्रिया थी। निदेशक चयन प्रक्रिया में साक्षात्कार के बाद तीन डाक्टर अंतिम दौर में पहुंचे थे, पीजीआई के एनेस्थिसिया डॉ. मुकेश त्रिपाठी और इंडोक्राइन सर्जन डॉ. गौरव अग्रवाल के अलावा केजीएमयू के प्लास्टिक सर्जन डॉ. ब्राजेश मिश्र चयन किये गये। चुनाव आचार संहिता खत्म होते ही प्रक्रिया तहत किसी एक को निदेशक पद पर तैनाती देने के लिए तीनों नाम की फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय न भेजी गयी थी। बताया जाता है कि अंतिम पायदान पर नाम की सहमति नहीं बनी। बताते चले कि कैंसर संस्थान में स्थाई निदेशक डॉ. शालीन कुमार को सितंबर वर्ष 2021 को पद से आरोप लगने पर हटा दिया गया था। इसके साथ ही पीजीआई के निदेशक को बतौर कार्यवाहक निदेशक पद का जिम्मेदारी दी गई थी।
लम्बे वक्त से स्थाई निदेशक न होने की वजह से संस्थान को अपेक्षित गति नहीं मिल रही है। बीते दिनों आंको-एनेस्थिसिया विभाग के डॉ. हिमांशु प्रिंस ने संस्थान छोड़ा, तो संस्थान में पैलेटिव केयर विभाग बंद हो गया है। इसके अलावा अबतक 16 डाक्टर संस्थान छोड़ चुके हैं, जिनमें अधिकांश चिकित्सक कैंसर के विशेषज्ञ थे।