तीन अगस्त को 13वें भारतीय अंगदान दिवस
लखनऊ। प्रदेश राज्य के लिए प्रासंगिक शासनादेश के तहत यूपी में मानव अंगों और ऊतकों को हटाने, भंडारण और प्रत्यारोपण की प्रणाली को औपचारिक बनाने के लिए राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण कार्यक्रम के अंतर्गत (एनओटीपी) राज्य अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (सोटो यू पी ) की स्थापना, अस्पताल प्रशासन विभाग के तत्वावधान में संजय गांधी पी जी आई में की गई थी। तीन अगस्त को 13वें भारतीय अंगदान दिवस पर लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
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अंग और ऊतक दान से यह स्पष्ट हो गया है कि एक व्यक्ति के अंगदान से 8 लोगों की जान बच सकती है और ऊतक दान से लगभग 75 व्यक्तियों के जीवन में सुधार होता है। हालांकि अंग दाताओं की कमी के कारण प्रत्यारोपण की आवश्यकता वाले रोगियों की प्रतीक्षा सूची में भी वृद्धि हुई है। भारत में प्रत्यारोपण की आवश्यकता वाले रोगियों और उपलब्ध अंगों के बीच एक बड़ा अंतर है।
एक अनुमान के अनुसार भारत में प्रति वर्ष लगभग 2 लाख मरीज़ों की लिवर फेल्योर या लिवर कैंसर से मृत्यु हो जाती है, जिनमें से लगभग 10 से 15 प्रतिशत को समय रहते लिवर प्रत्यारोपण से बचाया जा सकता था। भारत में वार्षिक रूप से लगभग 25 से 30 हजार लिवर ट्रांसप्लांट की जरूरत होती है, लेकिन केवल 1,500 प्रत्यारोपण ही हो पा रहे है।
इसी प्रकार, भारत में प्रतिवर्ष लगभग 500,000 व्यक्ति हार्ट फ़ेल से पीड़ित होते हैं, लेकिन हर वर्ष केवल 10 से 15 हृदय प्रत्यारोपण ही किए जाते हैं।
पूरे भारत में लोगों को किडनी, लिवर, हृदय, कॉर्निया और फेफड़े के प्रत्यारोपण की अत्यधिक आवश्यकता है। राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (नोटो ) के राष्ट्रीय आंकड़ों के अनुसार 1995 के बाद से, केवल 2,546 लोगों ने अपनी मृत्यु के बाद अपने अंगों को दान करने का विकल्प चुना, जबकि 34,094 लोगों ने जीवित रहते हुए अपने अंगों को दान करने का विकल्प चुना।
तीन अगस्त को 13वें भारतीय अंगदान दिवस के अवसर पर सोटो यू पी लखनऊ विश्वविद्यालय में अंग एवं ऊतक दान के लिए जागरूता कार्यक्रम एवं प्रतिज्ञा अभियान आयोजित कर रहा है। कार्यक्रम की शुरुआत प्रो. आलोक कुमार राय, कुलपति, लखनऊ विश्वविद्यालय और प्रो. आर.के. धीमन, निदेशक, पी जी आई मौजूद होंगे। इसके पश्चात समाज के विभिन्न क्षेत्रों से आये लोगों के लिए प्रतिज्ञा अभियान भी आयोजित किया जायेगा।