ओविरियन कैंसर के प्रति जागरूकता रैली निकाली
लखनऊ। यदि किसी महिला की पाचन क्षमता लगातार सही नहीं हो रही है। भूख नहीं लगती है आैर पेट भरा – भरा सा रहता है। लगातार गैस की शिकायत है। इसके अलावा जल्दी – जल्दी पेशाब भी लगती है, तो इलाज के बाद भी दिक्कत दूर नही हो रही है, तो सर्तक हो जाएं। यह ओवरी के कैंसर के शुरुआती दौर के लक्षण भी हो सकते है। यह बात केजीएमयू के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की डॉ. निशा सिंह ने बुधवार को कलाम सेंटर में वल्र्ड ओवेरियन कैंसर जागरूकता दिवस पर कार्यशाला को संबोधित करते हुए कही। कार्यशाला में अन्य विशेषज्ञ डाक्टरों ने भी सम्बोधित किया। इससे पहले केजीएमयू प्रशासनिक भवन के पास से जागरूकता रैली निकाली गई।
डॉ. सिंह ने कहा कि ओवरी में ट्यूमर का आकार तेजी से बढ़ता है। ट्यूमर से यूरीन ब्लेडर और आंतों पर दबाव पड़ने लगता है। इससे मरीज को जल्दी- जल्दी पेशाब लगने का अहसास होती है। पाचन क्षमता गड़बड़ाने से गैस की शिकायत होने लगती है। शुरूआत में मरीज स्थानीय डॉक्टरों से इलाज कराते है तो भी दवाओं से मरीज को आराम नहीं मिलता है। ऐसी महिलाओं को तुरंत स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए। क्वीनमेरी की विभागाध्यक्ष डॉ. एसपी जायसवार ने बताया कि 70 प्रतिशत महिलाएं कैंसर की गंभीर अवस्था में आती हैं। उन्होंने बताया कि 30 प्रतिशत महिलाएं कैंसर की शुरुआत लक्षणों के साथ अस्पताल पहुंच रही हैं। उन्होंने बताया कि शुरूआत में कैंसर का इलाज आसान होता है। इलाज में देरी से बीमारी गंभीर हो जाती है।
कोलकाता की पैथालाजिस्ट डॉ. दिव्या मेधा ने कहा कि ओवेरियन कैंसर के बारे में लोगों को जागरूक होना आवश्यक है। समस्या को नजर अंदाज न करें, किसी विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें, ताकि जरूरी पैथोलॉजी व अल्ट्रासाउंड जांच कर ट्यूमर का पता लगाया जा सके। उन्होंने कहा कि ओवेरियन कैंसर में मरीज का पेट फूला महसूस होता है, पेट में भारीपन का अहसास होता है। दिक्कत जटिल होने पर पेट में पानी आ जाता है।
केजीएमयू पैथोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. उमा शंकर सिंह ने कहा कि ओवरियन कैंसर व उसके प्रकार का पता लगाया जा सकता है।
इसके लिए इम्यूनो हिस्टो कैमेस्ट्री आईएसपी जांच से कैंसर के प्रकार का पता लगाया जा सकता है। वहीं, मालीकुलर जांच की मदद से किस म्यूटेशन की वजह से कैंसर हुआ। इसके बारे में पता लगाया जा सकता है। इससे कैंसर को हराने के लिए सटीक दवा देने में मदद मिल सकती है। कार्यक्रम में प्रतिकुलपति डॉ. विनीत शर्मा, डॉ. रेखा सचान, डॉ. वंदना सोलंकी, डॉ. सुरेश बाबू समेत अन्य डॉक्टर मौजूद रहीं।