लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रामा सेंटर में लगे लिक्विड आक्सीजन प्लांट में आक्सीजन कम हो जाने पर सुबह अफरा-तफरी मच गयी। क्रिटक ल केयर यूनिट व आईसीयू में भर्ती मरीजों की जान पर बन आयी। आनन-फानन में आक्सीजन बैक अप में सिलेंडर के माध्यम से आक्सीजन अापूर्ति शुरू की गयी। जब कि आरेंज जोन में आक्सीजन की कमी को देखते हुए मरीजों को लिम्ब सेंटर स्थित कोविड हास्पिटल शिफ्ट किया गया। केजीएमयू के कार्यवाहक कुलपति डा. विनीत शर्मा का कहना है कि लिविक्ड आक्सीजन प्लंाट में आक्सीजन कम हुई, लेकिन बैक अप से कहीं आक्सीजन की कमी नहीं होने दी गयी।
केजीएमयू के ट्रामा सेंटर लगातार गंभीर मरीजों से फुल रहता है। यहां पर आरेंज जोन में कोरोना के संदिग्ध मरीज व पाजिटिव गंभीर मरीजों का इलाज किया जाता है। इसके अलावा ग्रीन जोन में क्रिटकल केयर यूनिट व आईसीयू आता है। इसके अलावा वार्ड भी है। जहां पर कोरोना के निगेटिव मरीजों को रख कर इलाज किया जाता है। बताया जाता है कि आज सुबह लिक्विड आक्सीजन प्लांट में लिक्विड की कमी के चलते आक्सीजन की कमी होने लगी। इसकी जानकारी मिलते ही ट्रामा सेंटर के अधिकारियों में हड़कम्प मच गया। सबसे ज्यादा आरेंज जोन में भर्ती गंभीर मरीजों को दिक्कत हो सकती थी। यहां आक्सीजन लेबल कम होने वाले मरीजों को प्रेशर अाक्सीजन दी जाती है आैर उसके गिने चुने ही पांइट है। इसके बाद आनन-फानन में कोरोना के गंभीर मरीजों को कोविड हास्पिटल शिफ्ट किया गया आैर अन्य मरीजों को आक्सीजन के बैक अप से इलाज शुरू किया गया। लिक्विड आक्सीजन प्लांट के लिए शाम को टैंकर आ गया, तब कहीं जाकर राहत सांस अधिकारियों ने ली।
उधर गोमतीनगर स्थित मेयो हॉस्पिटल में भी ऑॅक्सीजन की किल्लत बनी हुई है। गत 21 अप्रैल को ऑॅक्सीजन की कमी होने पर केजीएमयू ने मेयो को 10 जम्बो सिलेंडर उपलब्ध कराये गए थे। मगर इतनी ऑक्सीजन उनकी मांग को पूरा करने के लिए काफी नहीं। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि जरूरत के मुताबिक ऑक्सीजन नहीं मिल रही है। नये मरीजों की भर्ती मुश्किल है।