डेस्क। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज में ऑक्सीजन खत्म होने से अब तक लगभग 30 मरीजों की मौत होना बताया जा रहा है। 40 लाख रुपये का भुगतान न होने की वजह से कम्पनी आक्सीजन की फीलिंग ही बंद कर दी थी। यहंा तक लिक्विड ऑक्सीजन भी बंद चल रही थी। आक्सीजन की कमी से दिमागी बुखार वार्ड में मरीजों ने कई घंटे तक अम्बू बैग का सहारा लिया। हालांकि मरने वाले मरीजों की संख्या ज्यादा भी हो सकती है। उधर चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने उच्चस्तरीय जांच के निर्देश दे दिया है।
बढ सकती है मरे वालों की संख्या
कालेज प्रशासन की लापरवाही 30 मरीजों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।बीआरडी मेडिकल कालेज में दिमागी बुखार सहित अन्य बीमारियों का इलाज कराने आये मरीजों को समय पर ऑक्सीजन नहीं मिल सकी, जिससे एनएनयू वार्ड और दिमागी बुखार वार्ड में भर्ती लगभग 30 मरीजों की मौत हो गई।
बताते है कि ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली फर्म का 40 लाख रुपए का भुगतान बकाया था, जिससे नाराज ने अस्पताल में लिक्विड ऑक्सीजन की आपूर्ति ठप कर दी। कल से मेडिकल कालेज में बड़े सिलेंडरों से आक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। शुक्रवार सुबह सात बजे आक्सीजन पूरी तरह खत्म हो जाने के चलते इंसेफेलाइटिस वार्ड में करीब दो घंटे तक मरीजों को एम्बू बैग के सहारे रहना पड़ा।
समाचार लिखे जाने तक मारने वालों की संख्या बढ़ कर 30 पहुँच गई है। बताया जाता है कि प्रदेश सरकार ने सभी मौत होने के दावे को स्वीकार नहीं किया है। फिलहाल जांच के आदेश देने के साथ ही मुख्यमंत्री से वरिष्ठ अधिकारियों को तलब कर लिया है। उधर इन मौतों से गोरखपुर में हाहाकार मच हुआ है।