पैक जूस पिये सम्हल कर, हो सकते है बीमार

0
747

लखनऊ। अगर पैंकिंग जूस का सेवन कर रहे तो सोच समझ कर करें। एक्सपायरी पैक जूस की डेट बदल कर ताजा पैक जूस के नाम पर बेच दिया जा सकता है, जोकि हेल्थ के लिए हानिकारक है। क्राइमब्राांच की सूचना पर शुक्रवार को खाद्य सुरक्षा विभाग की पांच टीमों ने रिंग रोड स्थित टेढीपुलिया चौराहे के पास आकाश फर्नीचर की दुकान पर हिमालयन इन्टरप्राइजेज की आड के चल रहे एक्सपायरी डेट बदल कर पैकिंग जूस, एप्पल साइडर सिरका, मैंगों ड्रिंक्स, लीची, अमरूद, नींबू पानी, पाइन एप्पल व मिक्स फ्रूट का भंडाफोड किया था। इस मामले में एफएसडीए की टीमों ने शनिवार को देर शाम तक कार्रवाई जारी रखी। यहां कुल 2700 गत्तों में लगभग 27 लाख का माल मिला है। जिसकी कीमत तीन लाख बीस हजार निकाली गयी है। जांच के दौरान कुल 335 गत्तों में रखा माल एक्सपायरी पाया गया है, जबकि शेष समयावधि में है। गुणवत्ता की जांच के लिए 24 नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेज दिये गए हैं। वहीं सम्पूर्ण खाद्य सामग्री को जब्त कर कारोबारी की सुरक्षित अभिरक्षा में दिए जाने के साथ ही गोदाम को सीज कर दिया गया है।

Advertisement

वहीं जांच के दौरान ये भी बात सामने आयी है कि जिस हिमालयन कम्पनी का ये माल है वह खाद्य सामाग्री के मानकों की जांच करने की संस्था एफएसएसआई में पंजीकृत भी नहीं है। जांच अधिकारी सुरेश मिश्रा ने बताया कि अगर पैकिंग में नियम का उलंघन पाए जाने पर पांच लाख का जुर्माना लगाए जाने का प्राविधान है। इस सवाल पर की जांच में ये खाद्य सामाग्री एक्सपायरी है आैर मानव जीवन के लिए असुरक्षित है, इस पर उनका कहना है कि इसमें कारावास व जुर्माना दोनी की सजा का प्राविधान एक्ट में है।

क्राइमब्राांच को सूचना मिली थी कि इस गोरखधंधे का मास्टरमाइंड प्रवीण वर्मा द्वारा दुकानों से वापस किया गया, एक्सपायरी माल का बैच व तिथि बदलकर पुन: बिक्री की जा रही है। इसके लिए रैपर बदलने से लेकर फर्जी नम्बर बनाने तक का काम लंबे समय से किया जा रहा था। एफएसडीए के अभिहित अधिकारी एसससएच अाबिदी व मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुरेश कुमार मिश्रा ने बताया कि कंपनी के शिमला के कारखाने से पूरी सप्लाई की जाती है। प्रवीण राजधानी समेत पूरे प्रदेश में जूस समेत अन्य खाद्य सामग्री की सप्लाई करता है।

प्रवीण के गोदाम के अागे फर्नीचर का शोरूम है,जिसकी आड़ में ये सारा गोरख धंधा चल रहा था। छापे के दौरा टीम को रैपर, स्टांप भी मौके पर मिले हैं। इनमें ही एक्सपायरी जूस की तारीख व बैच नंबर बदलकर बाजार में खराब खाद्य सामग्री बेची जा रही थी। इस पूरी जांच में सबसे बड़ी बात ये भी सामने आयी है कि यहां से जूस की सप्लाई रेलवे को भी की जा रही थी। तो सवाल ये है कि रेलवे ने भी सप्लाई लेने से पहले एफएसएसआई का कोड नहीं देखा। यानी ट्रेनों में भी यात्रियों को एक्सपायरी डेट का पेयपदार्थ दिया जा रहा था।

अब PayTM के जरिए भी द एम्पल न्यूज़ की मदद कर सकते हैं. मोबाइल नंबर 9140014727 पर पेटीएम करें.
द एम्पल न्यूज़ डॉट कॉम को छोटी-सी सहयोग राशि देकर इसके संचालन में मदद करें: Rs 200 > Rs 500 > Rs 1000 > Rs 2000 > Rs 5000 > Rs 10000.

Previous article100 वर्ष में पहली बार लोग इस साल के दूसरे चन्द्रग्रहण का लेंगे लाभ
Next articleएमडी, एमएस के लिए नीट खत्म करने का प्रस्ताव

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here