लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के सर्जिकल गैस्ट्रोइंटोलॉजी विभाग के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने पहला लिवर प्रत्यारोपण करके चिकित्सा क्षेत्र में नया मुकाम स्थापित कर दिया है। लिवर प्रत्यारोपण में दिल्ली स्थित मैक्स हॉस्पिटल के विशेषज्ञों ने सहयोग किया। यही नही अन्य विभागों के विशेषज्ञों ने तकनीकी मदद की। आज किये गये प्रत्यारोपण में पत्नी ने अपना लिवर पति को देकर नयी जिंदगी दे दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि करीब 14 घंटे चले लिवर का राइट लोब देने वाली पत्नी को होश आ गया है। जबकि प्रत्यारोपण के बाद पति आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया है। जहां विशेषज्ञों की टीम निगरानी रखा है।
प्रत्यारोपण करने वाली टीम का नेतृत्व करने वाले डा. अभिजीत के अनुसार रायबरेली निवासी 50 वर्षीय पुरुष को लिवर में दिक्कत होने के कारण स्थानीय डाक्टरों से इलाज करा रहा था। ठीक न होने पर उसके केजीएमयू में आकर ओपीडी में जांच करायी तो लिवर सिरोसिस की चपेट में था। मरीज ने उसे प्रत्यारोपण कराने का परामर्श दिया गया। निजी अस्पताल में प्रत्यारोपण का ज्यादा शुल्क होने के कारण नहीं करा पा रहा था। केजीएमयू में विभागाध्यक्ष डॉ. अभिजीत चन्द्रा के निर्देशन में इलाज शुरू हुआ। डॉ. अभिजीत ने भी प्रत्यारोपण कराने की आवश्यकता बताते हुए कराने की सलाह दी। मरीज के तैयार हो जाने के बाद डॉ. अभिजीत ने केजीएमयू कुलपति डॉ. एमएलबी भट्ट, सीएमएस डॉ. एसएन शंखवार समेत अन्य अफसरों से लिवर प्रत्यारोपण के बातचीत करके तैयारी शुरू कर दी ।
डा. अभिजीत ने बताया कि मरीज (48) की पत्नी को लिवर दान देने के लिए काउंसलिंग की गई। मरीज व उनकी पत्नी की खून संबंधी जांचें करा कर प्रत्यारोपण की फाइनल तैयारी शुरू कर दी गयी। पहला प्रत्यारोपण में डॉ. अभिजीत ने दिल्ली स्थित मैक्स हॉस्पिटल में लिवर प्रत्यारोपण विशेषज्ञ डॉ. सुभाष गुप्ता को बुलाया। इसके साथ ही आईएलबीएस संस्थान के विशेषज्ञों को भी आमंत्रित कर लिया गया। पूरी टीम ने आने के बाद पांच दिन यहां के विशेषज्ञों के साथ की कड़ी मेहनत की आैर लिवर प्रत्यारोपण में सफलता प्राप्त की। उन्होंने बताया कि सुबह पांच बजे शुरु हुआ लिवर प्रत्यारोपण शाम सात बजे तक चला। पत्नी के लिवर का राइट लोब लिया गया।
लिवर प्रत्यारोपण करने वाली टीम में डा. विवेक गुप्ता, डा. प्रदीप जोशी, एनेस्थिसिया के डा. परवेज,डा. अनीता मलिक, डा. तन्मय तिवारी, डा. एहसान के अलावा मैक्स हास्पिटल की टीम में डा. सुभाष गुप्ता के साथ डा.श्वेता सिंह, डा. राजेश, डा. शालीन थे। केजीएमयू में लिवर प्रत्यारोपण में सात से आठ लाख रुपये तक आ सकता है। जब कि निजी संस्थानों में बीस लाख तक खर्च आ जाता है। लिवर प्रत्यारोपण के बाद केजीएमयू कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने सर्जिक ल टीम को सम्मानित किया।
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