डेंटल शो
लखनऊ। लेजर के जरिये दांतों की कई बीमारियों का इलाज आसानी से हो सकता है, वह भी बिना दर्द के, इस प्रक्रिया में पारंपरिक ड्रिल का प्रयोग नहीं किया जाता, बल्कि डाक्टर उसकी जगह पर लेजर तकनीक का इस्तेमाल कर दर्द, सूजन और संक्रमण की समस्या को दूर कर रहे है।
पारंपरिक तकनीक की बेहतर लेजर मरीजों के लिए फायदेमंद है। यह जानकारी स्पेन स्थित बार्सिलोना विश्वविद्यालय की विजिटिंग प्रो. अपूर्वा गुप्ता ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित डेंटल शो में दी। डेंटल शो में अन्य विशेषज्ञ डेंटल सर्जन्स ने दांतों की समस्याओं को दूर करने के लिए नयी तकनीक की जानकारी दी।
डॉ. अपूर्वा गुप्ता ने बताया कि अभी तक लेजर तकनीक का इस्तेमाल कर करीब आठ हजार सर्जरी कर चुकी हैं। उन्होंने बताया कि दांतों के इलाज में लेजर तकनीक उच्चस्तरीय व बेहतर है। इस तकनीक से इलाज करने में मरीज को दर्द नहीं होता। साथ ही ब्लीडिंग,संक्रमण और सूजन से भी मरीज को राहत मिलती है। इस प्रक्रिया में इलाज भी जल्दी होता है।
उन्होंने कहा कि अगर कहा जाए कि इलाज तत्काल होता है तो गलत न होगा। उन्होंने बताया कि कैंसर और मधुमेह से पीड़ित मरीजों का इलाज लेजर से करना काफी बेहतर होता है। डेंटल शो की ज्वाइंट ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी और केजीएमयू की प्रो.प्रज्ञा पाण्डेय ने बताया कि लेजर दो प्रकार के होते हैं, जिनको सॉफ्ट टिशू और हार्ड टिशू लेजर के नाम से जाना जाता है। हार्ड टिशू लेजर के जरिये दांतों की सड़न का इलाज किया जाता है। हार्ड टिशू लेजर से जितने हिस्से में सड़न होती है, उसको सटीकता से काटा जा सकता है। यह तकनीक हार्ड टिशू पर कारगर है। मुंह के अल्सर के इलाज में भी यह काफी कारगर है। इससे हीलिंग जल्द होती है।
मसूड़ों के इलाज में साफ्ट टिशू लेजर का ही इस्तेमाल होता है। उन्होंने बताया कि लेजर तकनीक से जबड़ों के ज्वाइंट में होने वाले दर्द का इलाज भी किया जाता है। केजीएमयू के प्रो. रमेश भारती ने बताया कि दो दिवसीय डेंटल शो में 12 स्पीकर समेत 1600 डॉक्टरों ने हिस्सा लिया। इसमें 265 छात्र भी शामिल रहे हैं।