लखनऊ। गोमती नगर स्थित डा. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में अब एक रुपये के पर्च पर लोहिया संस्थान के डाक्टर मरीजों का इलाज करेंगे। लोहिया अस्पताल का संस्थान में विलय की प्रक्रिया के तहत संस्थान के डॉक्टर अस्पताल की ओपीडी में बैठेगे। अठ्ारह मार्च से पहले चरण में मेडिसिन विभाग के डॉक्टर अस्पताल में ओपीडी में जाएंगे। यह ओपीडी सप्ताह में तीन दिन चलेगी। ओपीडी में भर्ती होने पर मरीज की सभी प्रकार की जिम्मेदारी संस्थान के डाक्टर की होगी। बताया जाता है विलय के अलावा मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया ( एमसीआई) के मानक को पूरा करके के लिए कवायद की जा रही है।
बताया जाता है कि एमसीआई के खौफ से एमबीबीएस पाठ्यक्रम को बचाने के लिए संस्थान व अस्पताल प्रशासन ने विलय का संयुक्त खाका तैयार किया है। इसे विलय की प्रक्रिया का पहला चरण भी कहा जा रहा है। अस्पताल में मेडिसिन विभाग में नौ डॉक्टर जब कि संस्थान में मेडिसिन विभाग में छह डॉक्टर हैं। अगर देखा जाए तो एमसीआई के नियमों के तहत लोहिया हॉस्पिटल के जनरल बेड व अन्य संसाधन चाहिए। संस्थान में सुपर स्पेशियालिटी के 350 बिस्तर है। वही स्त्री एवं प्रसूति रोग व बाल रोग विभाग में 200 बिस्तर हैं। एमसीआई से एमबीबीएस की मान्यता बचाने के लिए अस्पताल के 400 बिस्तर होने चाहिए।
लोहिया संस्थान के मीडिया प्रवक्ता डॉ. भुवन चन्द्र तिवारी का कहना है कि मेडिसिन विभाग के डॉक्टर हफ्ते में तीन दिन ओपीडी का संचालन अस्पताल में करेंगे। इसमें सोमवार, मंगलवार और गुरुवार को संचालित होगी। यहां पर एक रुपये के पर्चे पर मरीजों को इलाज उपलब्ध कराया जाएगा। सोमवार और बुधवार को मेडिसिन विभाग में भर्ती होने वाले मरीजों को संस्थान के डॉक्टर देखेंगे। इस दौरान अस्पताल के डॉक्टर पूर्व की भांति ओपीडी में मरीज देखेंगे। संस्थान के प्रवक्ता ने बताया कि दूसरे चरण के तहत सर्जरी के मरीजों को संस्थान के डॉक्टर अपनी सेवाएं देंगे।
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