…. तो थम सकती थी आईसीयू में मरीजों की सांस

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लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रिकल विभाग की लापरवाही से मेडिसिन विभाग की आईसीयू में भर्ती मरीजों की जान पर संकट बन आया। बीस मिनट आैर देर आैर हो जाती तो मरीजों की जान भी जा सकती थी। आईसीयू में बिजली संकट के साथ ही जनरेटर का बैकअप भी अचानक बंद होने से डाक्टरों के होश फाख्ता हो गये। किसी तरह जनरेटर ठीक होने पर ही राहत की सांस ली।

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केजीएमयू में कल से एनाटॉमी विभाग के पास पैनल में फाल्ट आने के कारण मेडिसिन विभाग,न्यूरोलॉजी विभाग, बाल रोग विभाग, पैथालॉजी विभाग में बिजली संकट बन गया था, जिन विभागों में जनरेटर बैक अप सही था, वहां एसी व अन्य उपकरणों को बंद करके जीवनरक्षक उपकरणों की बिजली बहाल की गयी थी। मेडिसिन विभाग में बिजली संकट बना होने के कारण आईसीयू में भी दिक्कत बनी हुई थी। मेडिसिन विभाग के गांधी वार्ड में स्थित आईसीयू जनरेटर बैकअप से चल रहा था। यहां पर दस बिस्तरों पर जीवनरक्षक उपकरणों के साथ मरीज जीवन संघर्ष कर रहे थे। यहां पर दोपहर में अचानक जनरेटर ने बैकअप देना बंद कर दिया, जीवन रक्षक उपकरण बंद होने से पहले बीप देने लगे। सभी उपकरण बीप देने लगे, तो वहां पर तैनात डाक्टरों में हड़कम्प मच गया।

उपकरण बंद होते ही मरीजों की जान पर संकट बन जाता। डाक्टरों से लेकर पैरामेडिकल, जूनियर डाक्टर जनरेटर व्यवस्था को देखने के लिए भाग दौड़ करने लगे। किसी तरह भाग पर इलेक्ट्रिल विभाग से लोगों को पकड़ कर लाये। जनरेटर को ठीक कराया गया। इन सब में लगभग बीस मिनट लग गये। मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ डा. कौसर उस्मान का मानना है कि अगर ज्यादा समय लग गया होता तो उपकरण बंद होना शुरु हो जाते आैर मरीजों की सांस थमने लग जाती। एक बड़ा हादसा हो सकता था। फिलहाल सभी ने भाग दौड़ करके जनरेटर को दोबारा चालू करा लिया तब सभी ने राहत की सांस ली।

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