बेहतर इलाज के साथ पेशेंट्स मैनेजमेंट जरुरी

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लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के क्वीनमेरी हॉस्पिटल में प्रदेश भर से मरीज रेफर होकर इलाज के लिए पहुंचते हैं। इमरजेंसी लेकर वार्ड, ओटी तक में मरीजों के इलाज का प्रेशर बढ़ रहा है। अगर विभाग में उपलब्ध सुविधाओं व नम्बरों की जानकारी के लिए एप विकसित किया, जिससे मरीजों को जरूरी सामान्य जानकारी एप के माध्यम से उपलब्ध हो सके। यह बात केजीएमयू कु लपति डॉ. बिपिन पुरी ने बुधवार को स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग (क्वीनमेरी) के 90 वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कही।
ब्रााउन हाल में आयोजित कार्यक्रम में कुलपति डॉ. बिपिन पुरी ने कहा कि मरीजों की भीड़ का प्रबंधन के लिए नयी – नयी तकनीक का प्रयोग करें। आजक ल सभी अपनी सामान्य जानकारी के लिए एप विकसित करते है, जिसमें विभाग में मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी आैर वह लगातार अपडेट भी होती रहे। इसके अलावा डॉक्टर की सलाह संबंधी सामान्य जानकारी हो। कु लपति ने कहा कि जल्द ही डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ के खाली पद भरे जाएंगे। यही नहीं छात्र व कर्मचारियों को कम्प्यूटर समेत दूसरी तकनीक के संचालन की जानकारी होनी चाहिए। कार्यक्रम में डॉ. सुजाता देव, डॉ. चंद्रावती, डॉ. रेखा सचान, डॉ. वंदना सोलंकी, डॉ. निशा सिंह समेत अन्य डॉक्टर मौजूद रहीं।

 

 

 

 

 

विभाग प्रमुख डॉ. एसपी जायवार ने कहा कि क्वीनमेरी में 342 बिस्तर हैं, यहां प्रदेश भर से महिलाएं इलाज के लिए आ रही हैं। इनमें करीब 90 प्रतिशत महिलाएं गंभीर अवस्था में लाई जा रही हैं। गर्भवती महिलाओं तो चार से पांच ग्राम हीमोग्लोबिन वाली इमरजेंसी में आ रही हैं। ऐसे में जच्चा-बच्चा को सुरक्षित रखना किसी चुनौती से कम नहीं है। इसके बावजूद सुरक्षित प्रसव कराए जा रहे हैं।
डॉ. एसपी जायसवार ने कहा कि क्वीनमेरी में एमसीएच विंग के लिए पदों का सृजन नहीं हो पाया है। 496 पैरामेडिकल व कर्मचारी हैं। 15 सीनियर व 75 जूनियर रेजिडेंट हैं। फैकल्टी में छह पद रिक्त चल रहे है।

 

 

 

 

अहमदाबाद के डॉ. एमसी पटेल ने कहा कि मरीजों के इलाज के कागजात सभी एक स्थान पर होना चाहिए। फाइल बना कर काम करें। चाहे किसी का भी मरीज हो। वक्त आने पर इससे काफी हद तक कानूनी पचड़ों से खुद को बचा सकते हैं। आलम यह हैं कि इस समय देश का पांचवा डॉक्टर कानूनी दांवपेंच में फंसा हुआ है।

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