लखनऊ। संजय गांधी पीजीआई रेजीडेंट डॉक्टर के कार्य बहिष्कार के चलते लगभग 600 से अधिक नए रोगी बिना इलाज लौट गए, जब कि पंजीकरण न होने से मरीज परेशान रहे। एक दर्जन से अधिक सर्जरी टाल दी गयी है। संस्थान के रेजीडेंट डाक्टर कोलकाता के आर जी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर हुई दरिंदगी की घटना के न्याय के लिए दोबारा कार्य बहिष्कार शुरू कर दिए है। इससे पहले 13 अगस्त से से 24 अगस्त तक कार्य बहिष्कार किए थे।
रेजिडेंट डाक्टर एसोसिएशन का कहना है कि इमरजेंसी, ट्रामा और आईसीयू छोड़ सभी सेवाओं का बहिष्कार किया जा रहा है। ओपीडी में को नए रोगियों के पंजीकरण नहीं होने से करीब 700 नए रोगियों को इलाज नहीं मिला। कैंसर, दिल, गुर्दा, दिमाग व पेट समेत दूसरी गंभीर बीमारियों के मरीज दूर –दराज से इलाज के लिए आए थे। दर्जनभर से अधिक रोगियों के ऑपरेशन टाल दिये। अल्ट्रा साउण्ड, सिटी, स्कैन, इन्डोस्कोपी, एमआरआई के अलावा न्यूरो, यूरो समेत दूसरे विभागों में 300 से अधिक रोगियों को की जांचें नहीं हो पायी। इन्हें आगे की तारीख देकर लौटा दिया गया।
पीजीआई की नवीन ओपीडी में रोजाना औसतन 700 नए रोगी देखे जाते हैं। रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल के चलते को संस्थान के नवीन ओपीडी और पीएमएसवाई ब्लॉक में नए रोगियों के पंजीकरण काउंटर पर किसी नए रोगी का पंजीकरण नहीं किया गया। यह रोगी रात से कतारों में लगे थे। सुबह ओपीडी में पंजीकरण न होने पर रोगी निराश होकर बिना इलाज लौट गए। कई रोगियों के तीमारदारों ने ओपीडी में जाकर डॉक्टरों संपर्क किया लेकिन देखने से मना कर दिया।
।पीजीआई संस्थान की ओपीडी में पहले से तारीख पाए पुराने रोगियों को कोई दिक्कत नहीं हुई। डॉक्टरों ने इन रोगियों को देखा। इन रोगियों के खून की जांच हो तो गई, लेकिन अल्ट्रा साउण्ड समेत अन्य कई जांच की तारीख दी गई। दिन भर चली ओपीडी में करीब 1500 पुराने रोगी देखे गए। कुछ फालोअप मरीजों को भी नई डेट दे कर वापस किया गया।
लखनऊ की रहने वाली 75 वर्षीय शकुंतला देवी का इलाज पहले से चल रहा था इन्हें हिमैटोलॉजी में कंसल्टेशन के लिए भेजा गया था लेकिन रेजिडेंट डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार के चलते इन्हें डेट देकर वापस कर दिया गया।