लखनऊ। बच्चों में एनेस्थीसिया को देने में लंग प्रोक्टेटिव वेंटिलेशन तकनीक पर डा. जियोपे मारारो ने नेशनल काफ्रेंस ऑफ पैडियाट्रिक एनेस्थीसिया कार्यशाला के दूसरे दिन दी। कंवेशन सेंटर में चल रही कार्यशाला में विशेषज्ञ डाक्टरों ने एक मत से कहा कि बच्चों का सर्जरी करने के लिए पीडियाट्रिक एनेस्थीसिया तकनीक में प्रशिक्षण आवश्यक है। कार्यशाला में अन्य विशेषज्ञों ने भी पीडियाट्रिक एनेस्थीसिया देने में सावधानी की जानकारी दी।
डा. मारारो ने बताया कि बच्चों को एनेस्थीसिया के डोज देने से पहले उम्र, वजन व अन्य बीमारियंा का विशेष ध्यान रखना पड़ता है। इसमें डोज देने में जरा सी चूक फेफड़े व दिमाग की कोशिकाओं को प्रभावित करती है। उन्होंने बताया कि एनेस्थीसिया देने में लंग प्रोटेक्शन वेंटीलेशन का सबसे ज्यादा ध्यान रखना पड़ता है। इसके लिए डाक्टरों का प्रशिक्षण आवश्यक है, इसके अलावा उन्होंने बच्चों की स्पाइन की जटिल सर्जरी में एनेस्थीसिया देने की तकनीक देने के बारे में उन्होंने जानकारी दी। डा. जीपी सिंह ने बताया कि पीडियाट्रिक एनेस्थीसिया प्रशिक्षण के लिए केजीएमयू डीएम पाठ¬क्रम के लिए एमसीअाई प्रस्ताव भेजा गया है।
कार्यशाला में विदेश से आये विशेषज्ञ डाक्टरों ने एनेस्थीसिया देने के साथ ही उपकरणों का ध्यान रखना आवश्यक है। उपकरण तकनीक से मरीज के श्वसन व अन्य अंग की प्रक्रिया को देखा जा सकता है जो कि सर्जरी के वक्त बेहद आवश्यक है। कार्यशाला में डा.अनीता मलिक व अन्य विशेषज्ञ भी मौजूद थे।