लखनऊ। तेज गर्मी आैर तपिश से जूझ रहे लोग अब बीमार पड़ने लगे है। केजीएमयू , लोहिया संस्थान, बलरामपुर अस्पताल सहित अन्य सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में हीटवेव के लक्षण डिहाइड्रेशन आैर डायरिया के मरीज में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है। लगभग सभी अस्पतालों की इमरजेंसी में ज्यादा गर्मी के बेहाल मरीज पहुंच रहे है। अस्पतालों में हीटवेव के मरीजों के अलग वार्ड बनाने के निर्देश दे दिये गये है।
सोमवार को राजधानी के लगभग सभी चिकित्सा संस्थानों व सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में मरीजों की भीड़ जमकर उमड़ी। सुबह से लोग पर्चा बनवाने के लिए पर्चा काउंटर पर लाइन लगाये हुए थे। इसके बाद सबसे ज्यादा मरीज मेडिसिन विभाग की ओपीडी के सामने लाइन लगाये खड़े रहे। इनमें ज्यादातर मरीज बुखार, दस्त, उल्टी के मरीज थे। इसके अलावा गर्मी लगने के कारण बेहाल मरीज भी थे, जो कि परेशान काफी लग रहे थे। उनका शरीर टूट रहा था आैर प्यास ज्यादा लग रही थी। बलरामपुर अस्पताल प्रशासन के अनुसार पिछले 24 घंटे में हीटवेव के लक्षणों वाले लगभग 79 मरीज पहुंचे। इनमें काफी मरीजों को भर्ती करके ड्रिप भी चढ़ाई जा रही है।
डाक्टरों की मानें तो कुछ मरीजों में तो एक्यूट डिहाइड्रेशन था। इसके चलते उन्हें लो ग्रेड फीवर भी था। जिसके कारण उन्हें भर्ती कर लिया गया। निदेशक पवन अरुण का कहना है कि हीटवेव के मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है। इनमें कई की तो हालत गंभीर थी, जिन्हें भर्ती किया गया। मरीजों के लिए अलग वार्ड बना दिया गया है। जहां पर डाक्टर व अन्य स्टाफ तैनात कर दिया गया है। आलमबाग के लोक बंधु अस्पताल में मरीजों की भीड़ को देखते हुए अलग ओआरएस काउंटर बना दिया गया। ताकि हीटवेव के मरीजों को परेशानी न हो। सिविल अस्पताल में हीटवेव के मरीज लगातार आ रहे है। यहां इस तरह के मरीजों के लिए कोल्ड रूम बनाया गया है। इसी प्रकार केजीएमयू, लोहिया संस्थान की ओपीडी में तो आस-पास जनपदों से हीटवेव के लक्षणों वाले मरीज पहुंच रहे है। जिनको ज्यादा डिहाइड्रेशन के बाद तबियत बिगड़ने पर रेफर किया गया है। इलाज कर रहे डाक्टरों के अनुसार यह मरीज डायबिटीज के अलावा अन्य बीमारियों से भी पहले से पीड़ित चल रहे है।
केजीएमयू के मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ डाक्टर कौसर उस्मान का कहना है कि तेज व लू के कारण लोगों को डिहाइड्रेशन की दिक्कत ज्यादा हो रही है। ऐसे में बचाव पर विशेष ध्यान रखना चाहिए। तेज धूप में बाहर आवश्यक कार्य के बिना न निकलें। जब भी बाहर निकलें पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें व खाली पेट न हो। आहार में लिविक्ड डाइट शामिल करें। उन्होंने कहा बुजुर्ग व बच्चों का विशेष ध्यान रखें। खास कर डायबिटीज, बीपी के अलावा किडनी डायलिसिस के मरीज विशेष ध्यान रखे।