केजीएमयू में रक्तदान को सम्मान 2024 कार्यक्रम
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लखनऊ। आवश्यकता अनुसार स्वैच्छिक रक्तदान नहीं हो रहा है। इसलिए अब रणनीति बदलने की आवश्यकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में शिविर लगाकर लोगों को जागरूक करें। रक्तदान करने वालों युवाओं को प्रवेश व नौकरी आदि में एकाध नम्बर की वरीयता दी जा सकती है। इसके साथ ही ट्रैफिक नियमों का पालन न करने वाले युवाओं से रक्तदान कराना चाहिए। इसके अलावा नयी शिक्षा नीति में भी रक्तदान को शामिल करना चाहिए। यह बात राज्यपाल आनंदीबंन पटेल ने शुक्रवार को किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में आयोजित विश्व रक्तदाता दिवस सम्मान समारोह में कही।
ब्राउन हाल में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल ने कहा कि आजकल बहुत से युवा ट्रैफिक नियम का पालन नहीं कर रहे हैं, उनसे रक्तदान कराया जाना चाहिए। उन्होंने कहाकि जागरुकता कार्यक्रमों के बावजूद भी मांग के मुताबिक रक्तदान नहीं हो पा रहा है। ऐसे में इसके लिए नए तरीके तलाशने की आवश्यकता है। इसके लिए प्रदेश के महाविद्यालय, विश्वविद्यालयों व कारागारों में रक्तदान शिविर लगाना चाहिए।
कार्यक्रम में राज्यपाल ने रक्तदान को सम्मान स्मारिका का विमोचन किया गया। इसके अलावा 19 रक्तदाताओंं व 120 संस्थाओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया गया।
कार्यक्रम में राज्यपाल ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर सभी से योग करने की अपील करते हुए कहा कि जहां-जहां योग के लिए शिविर लगाए जाएं, वहां-वहां रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया जाए। उन्होंने कहा कि रक्तदान से रक्त की जांच होने से हमें बीमारियों का भी पता चलता है, जिसके निदान के लिए नियमित योग करने के लिए भी उत्प्रेरित होते हैं।
कार्यक्रम में राज्य मंत्री स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मयंकेश्वर शरण सिंह ने कहा कि रक्तदान का कार्य सभी व्यक्तियों के सामूहिक सहयोग से संभव है। रक्तदान से समाज में एक अच्छा संदेश जाता है। कार्यक्रम में प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा पार्थसारथी सेन शर्मा ने स्वैच्छिक रक्तदान को सुरक्षित रक्तदान बताया तथा कहा कि इससे स्वास्थ्य के साथ-साथ समर्पण की भावना का भी विकास होता है।
इस अवसर पर कुलपति केजीएमयू प्रो. सोनिया नित्यानंद ने कहा कि युवाओं को रक्तदान हेतु शिक्षित एवं जागरूक करना है। ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग विभागाध्यक्ष डॉ. तूलिका चंद्रा ने कहा कि प्रदेश में सुरक्षित रक्तदान की प्रतिशतता 30 से 40 प्रतिशत है, जिसे शत प्रतिशत करना है। उन्होंने विभाग की उपलब्धियां का विवरण देते हुए कहा कि यहां देश में सबसे ज्यादा रक्त का वार्षिक कलेक्शन होता है। कार्यक्रम में मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, डॉ. पिंकी जोवेल, डॉक्टर्स, रक्तदातागण व अन्य गणमान्य उपस्थित थे।