लखनऊ। संजय गांधी पीजीआई के एपेक्स ट्रामा सेंटर के पहला स्थापना दिवस समारोह आज मनाया गया। समारोह के मुख्य अतिथि एम्स दिल्ली ट्रामा सेंटर के पूर्व निदेशक एवं वर्तमान में महात्मा गांधी विश्वविद्यालय आफ हेल्थ जयपुर के कुलपति प्रो.एमसी मिश्रा ने कहा कि मौत के कारणों में तीसरे नंबर पर रोड एक्सीडेंट है, पहले नंबर पर हार्ट डिजीज और दूसरे नंबर डिप्रेशन बीमारी है। आईजी पुलिस दीपक रतन ने कहा कि पीजीआइ के अंदर बेड मिलते ही लगता है कि सब कुछ ठीक हो जाएगा। यह विश्वास पैदा करने में यहां के टैलेंट और तकनीक की भूमिका है।
उन्होंने कहा कि रोड एक्सीडेंट होने पर 20 मिनट में घटना स्थल से व्यक्ति को निकटतम अस्पताल पहुंचाने के लिए काम करना होगा । ट्रामा सेंटर के प्रभारी प्रो.अमित अग्रवाल ने कहा कि सेंटर को आैर उच्चस्तरीय करने की कोशिश कर रहे है। वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी भरत सिंह ने बताया कि एक्सीडेंट के बाद लोग इलाज के दौरान परिजन गुस्से में कई बार बवाल करतें है, जिसमें हम लोग मानवीय तरीके से हैंडिल करते हैं।
संस्थान के निदेशक प्रो.राकेश कपूर ने कहा कि रोड एक्सीडेंट में कमी तभी आयेगी जब हम खुद ट्रैफिक नियमों का पालन करेंगे। खुद में सुधार के बिना कुछ संभव नहीं है। हर जगह पुलिस तो नहीं लोगों को कंट्रोल कर सकती है। जागरूकता के कारण ही एचआईवी , हेपेटाइटिस में कमी आयी है। उन्होंने कहा कि एक साल में ट्रामा सेंटर ने काफी अच्छा काम किया है, जिसमें सबकी बराबर की भागीदारी है। एक साथ केवल नाम के 210 बेड नहीं शुरू करेंगे। जब हम इतना बेड चलाने के लिए पूरी तरह संसाधन से लैस हो जाएंगे तब चलाएंगे।
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