लखनऊ। पीजीआई में कोरोना की जांच के बगैर अब पहले की तरह की मरीजों का इलाज किया जाएगा।
एक मार्च से नवीन ओपीडी में आने वाले मरीजों को कोरोना की रिपोर्ट को समाप्त कर दिया गया है। यह जानकारी संस्थान की मुख्य चिकित्सा अधीक्षका प्रो. सोनिया नित्यानंद ने दी। उन्होंने बताया कि ओपीडी में अभी तक पंजीकरण कराने के लिए कोरोना की जांच रिपोर्ट लाना आवश्यक होता था। अब कोरोना की जांच रिपोर्ट लाना अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है। मरीजों को सामान्य मरीजों की तरह ही इलाज किया जाएगा।
उधर किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय की ओपीडी में भी अब किसी भी पुराने पंजीकृत मरीज को बिना इलाज नहीं लौटाया जाएगा। सभी पुराने मरीजों को ओपीडी में इलाज मिलेगा। इसके अलावा तीमारदारों को कोविड जांच अनिवार्य नहीं होगी। सभी मरीजों की स्क्रीनिंग की जाएगी, जिनमें कोविड-19 के लक्षण नजर आएंगे उनकी जांच कराई जाएगी। स्क्रीनिंग में अगर तीमारदार संदिग्ध होता है तो जांच करायी जाएगी।
केजीएमयू में लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण की वजह से सामान्य ओपीडी बंद कर दी गयी थी। कॉर्डियोलॉजी, मेडिसिन, स्त्री एवं प्रसूति रोग समेत अन्य विभागों की ओपीडी में मरीज देखे जा रहे थे। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद धीरे-धीरे सामान्य ओपीडी खोली जा रही हैं।
केजीएमयू प्रशासन ने ओपीडी का नया आदेश जारी करते हुए कहा है कि सुबह साढ़े आठ से 12 बजे ऑफलाइन पंजीकरण होगा। इसमें सुपर स्पेशियालिटी विभागों में बिना रेफरेंस न देखा जा सकता है। प्रत्येक सुपर स्पेशियालिटी विभाग में 50 नये मरीज देखे जाएंगे। इन मरीजों का पंजीकरण ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से होगा। नये नियम में खास बात यह होगी कि ऑनलाइन में पंजीकरण कम हुए हैं, तो उसके स्थान में ऑफलाइन ओपीडी में पर्चा बनवाने वाले मौजूद मरीजों को देखने के निर्देश है।
सुपर स्पेशियालिटी श्रेणी में 200 पुराने रोगी देखे जाएंगे। इनमें 100 का पंजीकरण ऑनलाइन और 100 का ऑफलाइन पंजीकरण होगा। इनके पास केजीएमयू का पुराना पर्चा होना जरूरी होगा। यदि ओपीडी में पर्चे कम बने तो उपस्थित दूसरे मरीजों का पंजीकरण होगा। उन्हें देखा जाएगा।
नये नियम के अनुसार सामान्य विभागों में सभी पुराने मरीजों को पूरी क्षमता से ओपीडी में देखा जाएगा। किसी भी मरीज को बिना सलाह न लौटाने के निर्देश दिए गए हैं। जबकि नए मरीजों को पंजीकरण ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से होगा। सुपर स्पेशियालिटी विभाग की ओपीडी में तभी पंजीकरण होगा जब दूसरे अस्पताल के डॉक्टर मरीज को रेफर करेंगे। सभी मरीजों की स्क्रीनिंग की जाएगी, जिनमें कोविड-19 के लक्षण नजर आएंगे उनकी जांच कराई जाएगी। ओपीडी मरीज के तीमारदार की कोविड जांच जरूरी नहीं होगी।