PGI निदेशक डा आर के धीमन का कार्यकाल बढ़ा, फैकल्टी डाक्टर्स का विरोध शुरू

0
34

करीब 80 डॉक्टरों ने विरोध पत्र पर किया हस्ताक्षर

Advertisement

लखनऊ । संजय गांधी पीजीआई के निदेशक प्रो. आर के धीमन का कार्यकाल 3 वर्ष का बढाने का आदेश प्रदेश की राज्यपाल एवं संस्थान की कुलाध्यक्ष आनन्दी बेन पटेल ने दे दिया हैं। अब पी जी आई के निदेशक का कार्यकाल पांच वर्ष से बढ़ाकर आठ वर्ष का हो गया है। इसको लेकर फैकल्टी फोरम़ में असंतोष गहरा रहा है। समस्त फैकल्टी फोरम के हस्ताक्षर अभियान कार्यक्रम चल रहा है।

एसजीपीजीआई के एक्ट 1983 में संशोधन करने के कैबिनेट के निर्णय और मौजूदा निदेशक को तीन साल का विस्तार दिए जाने का पुरजोर विरोध हो रहा है। पीजीआई फैकल्टी फोरम के पदाधिकारियों समेत करीब 80 वरिष्ठ डॉक्टरों ने हस्ताक्षर युक्त विरोध पत्र जारी किया है। डॉक्टरों का साफ तौर पर कहना है कि एसजीपीजीआई दिल्ली एम्स की तर्ज पर कार्य करता है। वहां पर निदेशक के रिटायर होने की आयु 65 साल है। इस तरह एक्ट में बदलाव को संस्थान के डॉक्टर बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्हें मजबूरन आंदोलन करना पड़ेगा। कुछ डॉक्टर संस्थान भी छोड़ सकते हैं।

फैकल्टी फोरम के डॉक्टरों का कहना है कि पीजीआई संस्थान के संकाय को किसी भी चर्चा, विचार-विमर्श या सूचना दिए बिना, केवल एक व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए अधिनियम को बदलने के अचानक निर्णय से संस्थान के संकाय दुखी और भयभीत हैं। अधिनियम में बदलाव के लिए एक प्रक्रिया का पालन करना जरूरी है। अधिनियम में बदलाव के किसी भी प्रस्ताव को पहले संस्थान निकाय/शासी निकाय के समक्ष प्रस्तुत किया जाना चाहिए, फिर अनुमोदन के लिए भेजा जाना चाहिए। एसजीपीजीआई अधिनियम अत्यंत पवित्र है।

संस्थान के संकाय सदस्यों से चर्चा किए बिना या यहां तक कि उन्हें सूचित किए बिना इसमें संशोधन नहीं किया जा सकता है। इस संस्थान को देश के शीर्ष रैंकिंग चिकित्सा संस्थानों में से एक बनाने के लिए डॉक्टर दिन रात मेहनत कर रहे हैं। ऐसे नियमों और एक्ट में बदलाव से संकाय सदस्यों का मोहभंग हो जाएगा। युवा संकाय सुपर स्पेशियलिटी विभागों में शामिल नहीं होंगे।

Previous articleअयोध्या मंदिर निर्माण के लिए पहली ईंट रखने वाले विहिप नेता कामेश्वर चौपाल का निधन

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here