लखनऊ। पीजीआई की फैकल्टी फोरम ने अपर निदेशक के पद पर तैनाती का नियम विरुद्ध नियुक्ति करने का आरोप लगाया है। फोरम ने डॉ नारायण प्रसाद को अपर निदेशक पद पर तैनाती को नियमों का हवाला देकर नियुक्ति को अवैध बता दिया है। फोरम का आरोप है कि अब तक पीजीआई में अपर निदेशक पद पर तैनाती सरकार करती थी, लेकिन निदेशक पीजीआई डा. आर के धीमन की मनमानी कर यह तैनाती भी ख़ुद ही कर लेते हैं। फोरम का कहना है अवैध तैनाती के लिए शासन को पत्र भेज कर सही तैनाती करके की मांग की जाएगी।
फैकल्टी फोरम का आरोप है कि अपर निदेशक पीजीआई की तैनाती का आदेश अब तक नियुक्ति विभाग से जारी होता आया है, जिसके लिये पहले मुख्यमंत्री का अनुमोदन लिया जाता था। फोरम का कहना है कि पीजीआई निदेशक जब नियुक्ति अपने चहेतों की करनी हो तो प्रक्रिया का कोई मतलब कहाँ होता है।
इस मामले में निदेशक पीजीआई ऐसे मामलों में जोखिम उठाने में पीछे नहीं हटते है। नियमानुसार बताया जाता है अपर निदेशक पद पर सरकार द्वारा तैनाती किये जाने से तमाम वित्तीय और प्रशासनिक मामलों में सरकार का नियंत्रण रहता है, लेकिन जब निदेशक द्वारा अपने से काफ़ी जूनियर डॉक्टर को ही अपर निदेशक बना दिया जाये, तो काफ़ी कुछ आसानी से किया जा सकता है। फोरम का कहना है कि निदेशक मनमानी करके खुद अपने खास की अपर निदेशक की तैनाती कर देते है। उन्होंने इस पद पर नियुक्ति के लिये सरकार का इंतज़ार करना भी उचित नहीं समझा है।