लखनऊ । पीजीआई में सी टी स्कैन एवं एम आर आई जैसे जांच के लिए चार से पांच माह की लम्बी वेटिंग की चल रहीं है,इस वजह से दलालों के चुंगल में फंस जाते हैं फिर दलाल वहाँ के कर्मचारी से मदद के लिए गुहार लगाता हैं वह जांच शुल्क के पैसा जमा करने के बाद रू500 से लेकर 1000रू तक अलग से लेकर वहां पर जांच के रिक्वेस्ट फार्म को जमा करने वाले कर्मचारियों की मिलीभगत से तुरंत जांच करा देता हैं ।जिन लोगों की वेटिंग मे लम्बी तारीख की वजह से मरीज इलाज के लिए भटकता रहता हैं।
मरीज सवेरे से आकर बैठ रहता हैं तब कहीं उसकी जांच हो पाती हैं ऐसे सैकडो मरीज है कि उन मरीज को बगैर दलाल के जांच हो पाये
0दलाल वहीं के इर्द-गिर्द घूमा करता हैं उस मरीज के पास दलाल बाहर लाकर जल्दी जांच कराने का ठेका ले लेता हैं और उससे रू 500 या 1000 रूपये की मांग करता हैं।दलाल सी टी स्कैन और एम आर आई के रिसपेंसन काउंटर पर जमा कराकर उसकी जांच करा देता हैं।उसकी तारीख में भी संशोधित कर देता है। इन दलालो के जाल में पूर्व सैनिक कल्याण के निगम के गार्ड की भूमिका भी संदेह के घेरे मे हो सकती हैं।