लखनऊ। प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने कहा कि पीजीआई में भर्ती के लिए बिस्तरों के संकट से जल्द लोगों को निजात मिलेगा। यहां पर मरीज भर्ती के लिए मंत्री तक सिफारिश करनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि यहां पर रोबोटिक सर्जरी शुरू करने के बाद राज्य के अन्य चिकित्सा संस्थानों में भी रोबोटिक सर्जरी को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए वह बैंक से लोन लेकर संस्थान रोबोट खरीदेंगे, गारंटी सरकार लेगी। वहीं धन की अदायगी भी सरकार ही करेगी। चिकित्सा शिक्षा मंत्री शनिवार को पीजीआई में रोबोटिक सर्जरी व लीनियर एक्सीलरेटर के लोकापर्ण समारोह में सम्बोधित कर रहे थे। पीजीआई निदेशक डा. राकेश कपूर ने बताया कि रोबोटिक सर्जरी के शुरू होने के बाद शल्य क्रिया की विश्व की आधुनिकतम तकनीक का इस्तेमाल करने वाला प्रदेश का प्रथम संस्थान बन गया है।
उन्होंने कहा कि रोबोटिक सर्जरी से मरीजों को उच्चस्तरीय इलाज मिल सकेगा। चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार यहां ही नहीं केजीएमयू, डा. राम मनोहर लोहिया संस्थान में रोबोटिक सर्जरी करने के प्रस्ताव है। सीएमएस डॉ. अमित अग्रवाल ने बताया कि रोबोटिक सर्जरी का शुल्क डेढ़ लाख रुपये प्रति मरीज तय किया गया है। वहीं शुरुआत के 250 ऑपरेशन रोबोट द्वारा फ्री किए जाएंगे। इस दौरान मरीज को सिर्फ हॉस्पिटल का खर्च ही देना होगा। इसके तहत अभी तक आठ ऑपरेशन किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि देश भर में 60 रोबोटिक सर्जरी सेंटर है। वहीं सुपरस्पेशलियटी सर्जरी करने वाला लखनऊ एसजीपीजीआइ पहला है।
इसके अलावा रेडियोथेरेपी में अभी दो लीनियर एक्सीलरेटर मशीन थीं। इसमें एक खराब हो गई थी। लिहाजा मरीजों की दो महीनों की वेटिंग चल रही थी। अब 19 करोड़ की आधुनिक मशीन और लग गई है। ऐसे में कैंसर मरीजों को राहत मिलेगी।
31 करोड़ की लागत
पीजीआई प्रदेश का ऐसा पहला संस्थान बन गया है, जहां रोबोटिक सर्जरी की सुविधा है। यहां रोबोटिक सर्जरी की सुविधा होने से प्रदेश के लोगों को नहीं बल्कि आस-पास के प्रदेश के मरीजों को भी कम खर्च पर इसका बेहतर लाभ मिलेगा। अप्रैल में एसजीपीजीआई में करीब 31 करोड़ की लागत से अमेरिका से अत्याधुनिक दा विंसी सर्जिकल रोबोट पहुंचा। इसके साथ ही अन्य रोबोटिक उपकरण खरीदे गए। प्रायोगिक तौर पर मरीजों की सर्जरी की गयी।
रोबोटिक सर्जरी के लिए आठ डाक्टरों को दिया प्रशिक्षण
वर्तमान में एसजीपीजीआई में रोबोटिक सर्जरी चार विभागों यानि कि यूरोलॉजी, इण्डोक्राइन सर्जरी, गैस्ट्रो सर्जरी और सीवीटीएस में किया जाएगा। एसजीपीजीआई के निदेशक डा. राकेश कपूर ने बताया कि अब तक संस्थान में रोबोटिक सर्जरी से कुल आठ ऑपरेशन हो चुके हैं। सीएमएस डॉ. अमित अग्रवाल इसके प्रभारी अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं। उन्होंने बताया कि रोबोटिक सर्जरी के लिए संस्थान के आठ चिकित्सकों को प्रशिक्षण दिया गया है।
यह होगा फायदा
एसजीपीजीआई में रोबोटिक सर्जरी शुरू होने के बाद कम खर्च पर जटिल ऑपरेशन हो सकेंगे। इसके अलावा रोबाटिक सर्जरी में जटिल ऑपरेशन के दौरान सामान्य से कम खून खराब होगा। मरीज को दर्द और संक्रमण का खतरा भी कम होगा। रोबोटिक सर्जरी के प्रयोग में आने से इण्डोक्राइन, कार्डियेक, सिर और गले, अंग प्रत्यारोपण, यूरोलॉजिकल और गाइनोसर्जरी में सहायता मिलेगी। यह मरीजों के लिए वरदान साबित होगी।
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