लखनऊ। पीजीआई में अब दोबारा लिवर प्रत्यारोपण शुरू करने की कवायद शुरू कर दी गयी है। इस दिशा में संस्थान निदेशक डॉ. आरके धीमान ने प्रयास तेज कर दिये हैं। पीजीआई में संचालित हेप्टोबिलयरी एंड लिवर ट्रान्सप्लांट विभाग अब हेप्टोलॉजी विभाग से जाना जाएगा। शुक्रवार को शासन में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस पर मुहर लग गई है। इसके साथ पीजीआई के विशेषज्ञ डाक्टर लगातार कोरोना की वैक्सीन बनाने के लिए भी शोध करना शुरू कर दिये है।
निदेशक ने वीडियो काफ्रेंसिंग में जानकारी देते हुए बताया कि पीजीआई में पेट से जुड़ी सभी प्रकार की बीमारियों का इलाज शुरू करने की तैयारी हो गयी है। इसमें लिवर प्रत्यारोपण की करना प्राथमिकता होगी। उन्होने बताया कि प्रदेश में कोरोना का प्रकोप कम होते ही पीजीआई में लिवर प्रत्यारोपण शुरू होगा। इसमें तीन से चार माह का समय लगेगा।
पीजीआई के कोविड अस्पताल में 55 वेंटिलेटर और 130 आइसोलेशन वार्ड तैयार हैं। यहां पर भर्ती होने वाले सभी प्रकार के मरीजों का इलाज किया जा रहा है। कोरोना की वैक्सीन बनाने की दिशा में पीजीआई काम कर रहे है।
संस्थान के निदेशक डॉ. आरके धीमान बताते हैं कि पीजीआई में हेप्टोलॉजी, लिवर आईसीयू और लिवर ट्रान्सप्लांट में डीएम की पढ़ाई होगी।
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