लखनऊ – पीजीआई में रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल के चलते सोमवार को 30 से ज्यादा ऑपरेशन टाल दिये गये। सिर्फ चार गंभीर मरीजों का ऑपरेशन किया गया। एक मरीज का गुर्दा प्रत्यारोपण नहीं हुआ।600 नये मरीज बिना इलाज के लौट गये। इण्डोस्कोपी, एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी के अलावा पैथालॉजी, रेडियोलॉजी समेत अन्य जांचों के करीब 2000 मरीजों की जांचे नही हो सकी। कोलकाता में डॉक्टरों के साथ मारपीट के विरोध में सोमवार को रेजिडेंट्स डॉक्टरों की हड़ताल के चलते पीजीआई प्रशासन ने ऑपरेशन टाल दिये थे।
सोमवार को ऑपरेशन थियेटर के बाहर सन्नाटा था। पूर्वाह्न 11 बजे तक सिर्फ चार गंभीर मरीजों को ऑपरेशन के लिये ओटी में लिया गया। बाकी करीब 30मरीजों के ऑपरेशन टाल दिये। इसके अलावा ई ब्लॉक स्थित इण्डोस्कोपी, स्टोन
सेंटर, कैथ लैब और न्यूरो लैब, अल्ट्रा साउंड, सिटी स्कैन में डॉक्टर नदारद थे। कई घंटे इंतजार के बाद मरीज आगे की तारीख लेकर वापस चले गये। पीजीआई में सोमवार को नये मरीजों के बिल्कुल रजिस्ट्रेशन नही किये गये। नवीन ओपीडी और पीएमएसएसवाई ब्लॉक में रजिस्ट्रेशन पूरी तरह से बंद थ। ओपीडी में सिर्फ पुराने मरीजों डॉक्टरों ने देखा। यही वजह थी कि सोमवार को करीब 600 मरीज रजिस्ट्रेशन न होने की वजह से बिना इलाज वापस चले गये।
यह मरीज यूपी के अलावा आपपास के कई राज्यों से आये थे।
सैंपल क्लेक्शन सेंटर का कर्मी मरीजों से भिड़ा नवीन ओपीडी में सैंपल कलेक्शन सेंटर लॉक था। बाहर मरीज कैश और जांच के लिये काफी देर से इंतजार कर रहे थे। सुबह सैंपल कलेक्शन सेंटर का गेट खुला तो मरीज अंदर पहुंच गये। इतने में वहां मौजूद एक टेक्निशयन मरीजों को बाहर करने लगे। कुछ मरीजों ने जांच बंद होने की बात पूछी तो वह कर्मचारी मरीजों से झड़प करने लगा और धक्का दे दिया। इससे मरीज और तीमारदार भड़क गये। मामले की जानकारी होने पर मौके पर पहुंचे ओपीडी प्रभारी डॉ. आरपी सिंह से नाराज मरीजों और तीमारदारों को शांत कराया। उन्होंने कैश काउंटर खुलवाये। उसके बाद कैश काउंटर पर तीमारदारों ने कैश जमा किया। हालांकि रेजिडेंट की हड़ताल के चलते खून और पेशाब के सैंपल नही लिये गये। उन्हें हड़ताल खत्म होने के बाद बुलाया गया है। कोलकाता कांड के विरोध में डॉक्टरों ने प्रदर्शन का अनोखा तरीका अख्तियार किया। पीजीआई के रेजिडेंट डॉक्टरों ने सिर में पट्टी बांधी। पीजीआई के
रेजिडेंट ने महात्मा गांधी की तर्ज पर कपड़े धारण कर विरोध दर्ज कराया।
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