लखनऊ । संजय गांधी पीजीआई की नर्सिंग आफिसर में कई स्थानों पर पेपर लीक की शिकायतों के बाद परीक्षा विवादों के घेरे में आ गयी है। पीजीआई प्रशासन ने अभी पेपर लीक व नकल के मामले पर चुप्पी साध रखी है। कुछ अधिकारियों का कहना है कि परीक्षा एजेंसी के माध्यम से करायी जा रही है। शिकायत आने पर कार्रवाई होगी।
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बताते चले कि पीजीआई में नर्सिंग आफिसर परीक्षा 1159 पदों पर प्रदेश के कई जिलों में परीक्षा केंद्र में आयोजित हुए। लहरपुर सीतापुर के स्कूल में 20 छात्र नकल करते पकड़े जाने पर चेकिंग के दौरान चार छात्रों होने ने पर्ची को चबा लिया। इससे चेकिंग कर रहें लोगों के हाथ में कोई सबूत नहीं प्राप्त हुआ हैं। ऐसे में तीसरी पाली में आये छात्रों को परचा लीक होने की खबर पता लगने पर हंगामा शुरू होने पर तथा छात्रों द्वारा मोबाइल से फोटो सोशल मीडिया पर लोड करने से पहले पुलिस और सुरक्षा गार्डो ने छात्रों को गेट के बाहर खदेड दिया,जिससे की छात्रों की आवाज को दबाया जा सकें। नीट जैसी परीक्षा की तरह पीजीआई की नर्सिंग आफीसर की परीक्षा पर ग्रहण न लग सके.
जबकि मंगलवार को कानपुर स्कूल के सेंटर पर 15 मिनट तक कम्प्यूटर बंद हो जाने पर छात्र पूरी परीक्षा नहीं दे पायें। इससे पहले जनवरी फरवरी की नर्सिंग परीक्षा में एक ही राजस्थान कोचिंग के 50 से अधिक छात्र पास होकर पीजीआई नर्सिग आफिसर के पद पर भर्ती हो गये हैं। इस पर आपत्ति उठायी गई थी, लेकिन परीक्षा आयोजित कराने वालों ने अनदेखी कर दी गई।
एक लैब की रिसर्च की धनराशि से तकनीशियन ने पिछले वर्ष परीक्षा में भाग लेने वाली छात्र को वहां के चिकित्सक ने एग्जाम के पेपर बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी। आरोप है कि वह चिकित्सक पीजीआई से नौकरी से त्यागपत्र देकर दूसरे संस्थान में जाने से पहले परीक्षा के पेपर मिल जाने पर वह शत प्रतिशत नबंर पाकर यहां पर वह तकनीशियन के पद पर नियुक्त होकर कार्य कर रहीं हैं।