लखनऊ । एसजीपीजीआई में जल्द ही दिल का प्रत्यारोपण शुरू होगा। इसको लेकर संस्थान प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली है। ‘ब्रोन स्टेम डेथ” मरीज का दिल मिलते ही प्रत्यारोपण किया जाएगा। संस्थान के सीवीटीएस विभाग ने प्रत्यारोपण वाले मरीजों की स्क्रीनिंग भी शुरू कर दी है। दिल का प्रत्यारोपण करने वाला पीजीआई प्रदेश का पहला संस्थान होगा। संस्थान में प्रत्यारोपण पर पांच से 10 लाख रु पये के बीच खर्च आएगा।
एसजीपीजीआई के निदेशक प्रो.आरके धीमन ने मीडिया को बताया कि संस्थान में दिल का प्रत्यारोपण की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके लिए सीवीटीएस और कार्डियोलाजी विभाग के कुछ डॉक्टरों की एक टीम बनाई गई है। स्टेट ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट (सोटो) की मदद ली जा रही है। डॉक्टरों को जैसे ही ब्रोन स्टेम डेथ मरीज का दिल मिलेगा, वैसे ही प्रत्यारोपण किया जाएगा। संस्थान में ये सुविधा शुरू होने से लखनऊ समेत सूबे के मरीजों को दूसरे प्रदेश भटकना नहीं पड़ेगा।
संस्थान में सीवीटीएस विभाग के प्रो. एसके अग्रवाल का कहना है कि युवाओं की धमनियों में रु कावट (कोरोनरी आर्टरीज डिजीज) की समस्या तेजी से बढ़ रही है। करीब 15 साल पहले तक यह समस्या 60 साल की उम्र के बाद देखने को मिलती थी, लेकिन पिछले कुछ समय से ऐसी दिक्कतें 35 साल के युवाओं में भी देखने को मिल रही है। इसकी बड़ी वजह प्रदूषषण, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, तनाव, बदला खानपान और खराब जीवनशैली है। संस्थान की ओपीडी में रोजाना करीब 250 मरीज आते हैं। इनमें से करीब 50 प्रतिशत युवा होते हैं।
दिल प्रत्यारोपण की टीम में संस्थान के सीवीटीएस विभाग के प्रो. एसके अग्रवाल, प्रो. शांतनु पांडेय और कार्डियोलाजी विभाग के प्रो. आदित्य कपूर व प्रो. सत्येंद्र तिवारी समेत कई डॉक्टरों की टीम बनाई गई है। यह टीम प्रशिक्षण भी हासिल कर चुकी है।