पोषण माह के रूप में मनेगा सितम्बर

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  • पूरे माह आयोजित होंगी अलग-अलग गतिविधियां
  • इस वर्ष की थीम होगी-ऊपरी आहार
  • बाल सुपोषण उत्सव मनाया जाएगा

लखनऊ – पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी सितम्बर माह को पोषण माह के रूप में मनाया जाएगा | यह जानकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी अखिलेन्द्र दुबे ने दी | उन्होने बताया कि पिछले वर्ष पोषण अभियान के अंतर्गत भारत की पोषण चुनौतियों पर राष्ट्रीय परिषद की दूसरी बैठक में प्रति वर्ष सितम्बर माह को राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया था | इस वर्ष पोषण माह की थीम है – पूरक आहार | जन्म से लेकर 6 माह तक के शिशु के लिए माँ का दूध संपूर्ण आहार होता है | 6 माह के बाद बच्चे के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए माँ के दूध के साथ पूरक आहार अत्यंत आवश्यक होता है | बच्चों में कुपोषण का मुख्य कारण समय से व उचित मात्रा में पूरक आहार नहीं देना है |
श्री दुबे ने बताया कि पूरे माह के 4 सप्ताह की अलग-अलग थीम है |

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पहला सप्ताह-पुरुष भागीदारी सप्ताह, दूसरा -किशोरी सप्ताह, तीसरा बाल सप्ताह व चौथा माता सप्ताह के रूप में मनाया जाएगा | हर सप्ताह दो बार ग्राम्य स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस का आयोजन किया जाएगा | इस माह में बचपन दिवस, ममता दिवस, अन्नप्राशन दिवस, गोद भराई व माह की 13 तारीख को बाल सुपोषण उत्सव मनाया जाएगा | इस उत्सव में 6 माह से 6 वर्ष के बच्चों को आंगनवाड़ी केंद्र पर एक साथ समूह में बैठाकर खाना खिलाया जाएगा | इसके लिए माताएँ अपने घर से स्वादिष्ट व्यंजन बनाकर लाएँगी | इन व्यंजनों को बनाने में पुष्टाहार व स्थानीय सब्जियों एवं दालों का उपयोग किया जा सकता है |

पुरुष भागीदारी सप्ताह में वजन दिवस, सुपोषण दिवस, पोषण दिवस, पोषण वाटिका सुदृढ़ीकरण (स्कूलों व आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के आँगन में परिवार के पुरुष सदस्यों की सहभागिता से सुनिश्चित करते हुए, पोषण वाटिका बनाने एवं पौष्टिक साग सब्जियाँ उगाने के बारे में उद्यान विभाग, अध्यापकों व आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के सहयोग से गतिविधियां), सुपोषण स्वास्थ्य मेला, बचपन दिवस, ब्लॉक पोषण समिति की मीटिंग व ग्राम, स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस (वीएचएसएनडी) का आयोजन अलग-अलग दिनों में किया जाएगा |

किशोरी सप्ताह में किशोरी दिवस, पोषण फेरी, सुपोषण झांकी, वीएचएसएनडी पर ऊपरी आहार पर चर्चा, सुपोषण झांकी, रेसिपी प्रदर्शन/ प्रतियोगिता, किशोरी प्रभात फेरी , बाल सुपोषण उत्सव का आयोजन किया जाएगा |
तीसरे सप्ताह यानि बाल सप्ताह में ममता दिवस को बाल सुपोषण उत्सव के रूप में मनाया जाएगा | इसके साथ ही अन्य दिनों में पोषण फेरी, वीएचएसएनडी के दौरान अति कुपोषित (सैम) बच्चों की चिकित्सीय देखभाल एव संदर्भन के बारे में माताओं से चर्चा की जाएगी | इस सप्ताह में पोषण फेरी, अन्नप्राशन दिवस, अर्ली चाइल्डहूड़ केयर एंड एजुकेशन(ईसीसीई) पर चर्चा की जाएगी |

माता सप्ताह में सास-बहू एवं मातृ समिति कि बैठक का आयोजन किया जाएगा | ऊपरी आहार पुस्तिका का प्रयोग करते हुये गर्भवती महिला एवं छोटे बच्चो के पोषण पर चर्चा की जाएगी | स्वयं समूहों के महिलाओं के सहयोग से कम से कम एक धात्री महिला और एक गर्भवती महिला के घर पोषण वाटिका बनाई जाएगी | सुपोषण झांकी व रेसीपी का आयोजन किया जाएगा , जिसमें स्थानीय फलों, खाद्य पदार्थों व पोषाहार का रचनात्मक प्रदर्शन करते हुये जानकरी दी जाएगी | इसके अलावा लाड़ली दिवस, गोदभराई दिवस का आयोजन किया जाएगा |

गोद भराई के दौरान बाल सुपोषण उत्सव मनाया जाएगा, जिसमें उन माताओं को सम्मानित किया जाएगा जिनका एक बच्चा जिसने 6 माह पर ऊपरी आहार की शुरुआत की हो और वह हरी श्रेणी में आता हो | एक धात्री माता, जिसने 6 माह तक अपने बच्चे को केवल स्तनपान कराया हो और 6 माह से ऊपरी आहार की शुरुआत भी की हो |

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