कैंसर शब्द सुनते ही डर लगने लगता है। देश में प्रतिवर्ष कैंसर से 1.1 मिलियन कैंसर के नये मामले सामने आते है। कैंसर का दर्द चिंता का विषय बना ही रहता है। इससे सहन करना भी बडी मुश्किल का काम होता है। दर्द के कारण कई हो सकते है, पर इस दर्द को नयी तकनीक से किसी हद तक कम किया जा सकता है। यह जानकारी किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के कैंसर विशेषज्ञ डा. सुधीर ने पत्रकार वार्ता में दी।
बीमारी के दौरान लगभग 50 प्रतिशत आैर एडंवास स्टेज में 75 प्रतिशत तक दर्द में वृद्धि होती है
डा. सुधीर ने बताया कि देश में 24 कैंसर रोगियों को दर्द से राहत की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि बीमारी के दौरान लगभग 50 प्रतिशत आैर एडंवास स्टेज में 75 प्रतिशत तक दर्द में वृद्धि होती है। उन्होंने बताया कि दर्द के कारण मरीज को नींद में परेशानी,सामान्य गतिविधियों में कमी एवं थकान आदि के कारण मरीज को सामाजिक जीवन में क्षमता सीमित हो जाती है। उन्होंने बताया कि हाल में अमेरिकन सोसायटी ऑफ क्लीनिकल आंकोलॉजी ने नये दिशा निर्देशों की सिफारिश की है। इसके अनुसार डाक्टरों को नियमित रूप से कैंसर के दर्द के लिए स्क्रीन करनी चाहिए। दर्द की दवा के बारे में भी लोगों में भ्रम बना हुआ है।
उन्होंने बताया कि दर्द को दूर करने के लिए अब पैच भी आ गये है जो कि दर्द वाले भाग पर लगा दिये जाते है जो कि दवा को धीरे- धीरे रिलीज करते है। इससे मरीज को 24 घंटे से ज्यादा का आराम मिल जाता है। न्यूक्लियर दवाओं का रोल भी बढ़ गया है। यह सब निर्भर करता है कि दर्द को स्टेप बाई स्टेप दूर किया जा सकता है।