लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग में आयोजित सीओपीडी जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में विभागाध्यक्ष डा. सूर्यकांत ने बताया कि अगर आंकड़ों को देखा जाए, यूपी में करीब 60 लाख लोग सीओपीडी की चपेट में हैं। इसका पहला लक्षण है सुबह -सुबह खांसी आना और फिर सर्दी के मौसम में लगातार खांसी बने रहना। कुछ समय बाद बलगम भी आने लगता है।
बीमारी बढ़ने पर रोगी की सांस भी फूलने लगती है। नेशनल कालेज ऑफ चेस्ट फिजीशियन्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. सूर्यकांत ने बताया कि यह फेफड़े के साथ ही हृदय, गुर्दा व अन्य अंगो को भी प्रभावित करती है। इससे बचने का सबसे आसान तरीका है कि गमछा या रूमाल से नाक, मुंह ढक कर चलें और प्राणायाम करें। इस दौरान चीफ प्राक्टर डा आरएसए कुशवाहा ने कहा कि सांस के मरीज नियमित रूप से इनहेलर का प्रयोग करते रहना चाहिए।
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