लखनऊ। अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तो किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के इंटेसिव केयर यूनिट (आइसीयू) प्रदेश का पहला अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जति आईसीयू होगा,जहां पर मरीजों का वेंटिलेटर पर इलाज करने के साथ ही फेफड़ों को कृत्रिम तरीके से संचालन के लिए एक्मो उपकरण भी लगाया गया है। इसके अलावा उच्चस्तरीय डायलिसिस के लिए अलग उपकरणों लगाया गया है जो कि वेंटिलेटर के साथ जुड़ सकेंगे। बृहस्पतिवार को अभी आैपचारिक रूप से यूनिट में दो गंभीर मरीजों को भर्ती करके इलाज भी किया जा रहा है।
केजीएमयू के ट्रामा सेंटर के पांचवें तल पर तीस बिस्तरों का आईसीयू संचालित हो गया है। यहां पर आज दो गंभीर मरीजों को भर्ती भी किया गया। इनमें एक मरीज न्यूरो का है आैर उसकी हालत काफी गंभीर बनी हुई है।
तीस बिस्तरों वाले आईसीयू का अभी आैर विस्तार किया जाएगा –
आईसीयू के बारे में उपचिकित्सा अधीक्षक व पल्मोनरी एण्ड क्रिटिकल मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ डा. वेद प्रकाश बताते है कि यहां पर कुल 200 बिस्तरों आईसीयू शुरू करने की योजना प्रस्तावित है। इसमें अस्सी जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा। इनको क्रिटकल मेडिसिन व क्रिटिकल केयर यूनिट के सहयोग से चलाया जाएगा। इसमें पीडियाट्रिक नियोनेटल शुरू हो चुका है आैर तीस बिस्तरों का आईसीयू भी चलने लगा है। तीस बिस्तरों वाले आईसीयू का अभी आैर विस्तार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि शताब्दी अस्पताल फेज वन में भी आईसीयू शुरू किया जा रहा है। अभी क्रिटिकल केयर यूनिट में कुल 14 वेंटिलेटर संचालित है। शुरू हुए आईसीयू की खासियत यह है कि कुछ बिस्तरों पर मरीज को वेंटिलेटर सपोर्ट के साथ डायलिसिस भी दिया जा सकता है। डा. वेद बताते है कि लगभग सभी बिस्तरों पर वेटिलेटर यूनिट भी लगे है।
डा. वेद बताते है कि यहां पर सबसे अत्याधुनिक एक्मो उपकरण भी लगाया है, यह उपकरण अभी प्रदेश की किसी भी आईसीयू में शायद ही लगा हो। जब वेंटिलेटर उपकरण जब सपोर्ट नहीं कर पाते है तो एक्मो उपकरण से फेफड़ों को कृत्रिम रूप से संचालित जाता है आैर मरीज का इलाज किया जाता है। बताया जाता है कि यह उपकरण अभी किसी भी बड़े अस्पताल में नहीं लगा है। डा वेद का कहना है कि इन उपकरणों के संचालन को बाद केजीएमयू पहला संस्थान बन जाएगा, जिसके आईसीयू में सभी अत्याधुनिक संसाधन मौजूद होंगे। उनका कहना है कि शासन से आवश्यक पदों पर भर्ती के लिए विशेषज्ञों व आवश्यक स्टाफ की भर्ती की संस्तुति मांगी गयी है।