दैनिक खान-पान, रहन-सहन और आचार-विचार की गलत आदतों के कारण अधिकांश लोग मोटापे से ग्रस्त हो जाते हैं। मोटापा आधुनिक सभ्यता की देन माना जाता है। मोटापे के रोगियों की तेजी से बढ़ती संख्या इस बात को दर्शाती है कि हम प्रकृति से दूर होते जा रहे हैं और हमारी जीवन शैली में नकारात्मक परिवर्तनों का प्रभाव बढ़ रहा है।
वर्तमान में अधिकांश बच्चे, युवक, महिलाएं प्रौढ़ मोटापे से ग्रस्त नजर आते हैं। योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा के संतुलित तथा समन्वित प्रयोग से मोटापे को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है।
मोटापा के विशिष्ट लक्षण –
शरीर मोटा, भद्दा और बेडौल हो जाना। मानक से अधिक वजन, थोड़े से परिश्रम अथवा कुछ सीढियां चढ़ने से ही थककर हांफने लगना। सामान्य से अधिक पसीना आना। शरीर की मांसपेशियों में दर्द का होना। सुस्ती एवं थकान का अनुभव करना। अधिक नींद आना/अनिद्रा, असहजता का अनुभव करना। प्रर्याप्त नींद के बावजूद ताजगी का अभाव बना रहना। सोते समय तेज खर्राटे लेना।
मोटापे का प्रमुख कारण –
योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के अनुसार मोटापा हमारी जीवन शैली में निरंतर हो रहे बदलावों का उप-उत्पाद हैं इसके प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं-
पाचन तथा उत्सर्जन संस्थान की खराबी। दैनिक जीवन में परिश्रम तथा व्यायाम का अभाव। आलस्यपूर्ण तथा आरामतलब जीवनचर्या। असंतुलित भोजन। गरिष्ठ तथा तैलीय आहार का अधिक सेवन। बिना भूख के कुछ न कुछ खाते रहने की आदत। आनुवंशिकता, तीन लीटर से कम पानी पीना। कृत्रिम, रंगदार, खुशबूदार, प्रक्रिया जन्य, संरक्षित, अधिक पकाया हुआ, तला भुना, मैदा से बना तथा बासी भोजन का सेवन करना। टेलीविजन देखते हुए भोजन करना। चाय तथा मिठाई का अधिक सेवन। रात्रि में 1० बजे के बाद भी खाना खाना, रात्रि 11 बजे के बाद भी जागना, प्रात: देर तक सोना। अंकुरित आहार, फल एवं सलाद का दैनिक भोजन में अभाव का होना, मांस, मछली, अण्डा खाने व शराब पीने की लत।
मोटापे के अन्य कारण –
कई बार कुछ दवाओं के सेवन से भी मोटापा बढ़ने लगता हैं कुछ रोगियों में थायरायड ग्रन्थि के स्राव की अनियमितता (हाइपोथाइराडिज्म) भी मोटापे का कारण होती है। यही नहीं मोटापे की वजह से कुछ अन्य रोगों जैसे उच्चरक्तचाप, हृदय रोग, आस्टियोअर्थराइटिस, फैटीलिवर, सांस की तकलीफ तथा मधुमेह व पैरों में सूजन होने की सम्भावना कई गुना बढ़ जाती है। अनुंसधानों से प्रमाणित हो चुका है कि आजकल के तथाकथित फास्ट-फूड और जंक फूड के अधिकाधिक प्रयोग से बच्चों व महिलाओं में मोटापे की प्रवृत्ति बढèती जा रही हैं कम्प्यूटर अथवा टेलिविजन के सामने बैठे रहना तथा व्यायाम का अभाव भी इसके बड़े बड़े कारणों में से एक हैं।