न्यूज। जीवन में मानसिक तनाव और शांति का अभाव इन सबसे बाहर आने का मात्र एक साधन है योग व प्राणायाम, इस दृष्टि से धन्वन्तरि सेवा संस्थान द्वारा किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के पुराना दंत संकाय में अतंर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया । तन और मन को स्वस्थ्य रखने के लिए योग व प्राणायाम कितना महत्वपूर्ण है, हमारे जीवन में इस पर मार्गदर्शन देते हुए धन्वन्तरि सेवा संस्थान के अध्यक्ष व केजीएमयू रेस्पिरेट्री विभाग के विभागाध्यक्ष के डॉक्टर सूर्यकांत ने बताया कि प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। यह सातवां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस है। इस योग का पूरे विश्व में प्रचार प्रसार करने का श्रेय हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को जाता है । हमारे व्यक्तित्व में जो कुछ जोड़ दे उसे योग कहते हैं. वैसे तो योग के आठ सोपान होते हैं लेकिन तीन चीजें ज्यादा प्रयोग में लाई जाती हैं. आसन, ध्यान और प्राणायाम।आसन से हमारी मसल्स खुलते हैं, ज्वाइंट और शरीर बजबूत होता है, ध्यान से हमारा कंस्ल्टेशन बढता है मेमोरी बढता है. प्राणायाम हमारे फेफड़ों को मजबूत करता है ।वर्तमान समय में कोरोना महामारी में भी सबसे ज्यादा अटैक फेफड़ों में हुआ है ।इसे सुरक्षित व मजबूत रखना बड़ी चुनौती है. इसलिए केवल प्राणायाम के द्वारा ही इसे मजबूत किया जा सकता है. प्राणायाम जरूर करिए क्योंकि यह फेफड़ों में जो आक्सीजन संग्रह करने की क्षमता को बढ़ाता है,हमारी श्वांस की नली को मजबूत करता है।प्राणायाम करते रहने से भविष्य में कभी वेंटीलेटर की आवश्यकता नहीं पड़ेगी.
वहीं संस्थान के सचिव डॉक्टर नीरज मिश्र(चिकित्सा अधीक्षक दंत संकाय, केजीएमयू) ने बताया कि आज अंतर्राष्ट्रीय योग के शुभ अवसर पर हमारी संस्था की ओर से लोगों को योग करने का संदेश दिया गया है. क्योंकि योग हमारी वैदिक परंपरा है इसका वैज्ञानिक प्रमाण भी हो चुका है कि यह हमारे तन और मस्तिष्क के लिए बहुत ही आवश्यक है इसलिए सभी लोगों को इसे अपने जीवन का एक हिस्सा मानकर करना चाहिए. सभी स्वस्थ्य रहे, निरोगी रहे.
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर संस्थान के संचालक अवधेश के मार्गदर्शन पर योग, आसन, और प्राणायाम का फिजिकल अभ्यास संपन्न हुआ. सहभागी बंधु और अन्य लोगों ने योग का अभ्यास किया है।