प्रसिद्ध शहनाई वादक पद्मश्री कृष्णा राम चौधरी का केजीएमयू में निधन

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लखनऊ। प्रसिद्ध शहनाई वादक पद्मश्री कृष्णा राम चौधरी ने किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय स्थित ट्रॉमा सेंटर के रेस्पिरेटरी एंड क्रिटिकल यूनिट (आरअाईसीयू) में बुधवार को अंतिम सांस ली। गृह मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद यहां वेंटिलेटर मिलने के बाद सात दिन से इलाज करा रहे थे। उनकी मौत के बाद परिजन उनका शव प्रयागराज स्थित कर्नलगंज आवास पर ले गए। वहां से उनका शव पैतृक आवास बनारस लेकर जाया जाएगा। परिजनों के अनुसार कल को बनारस के हरिश्चंद्र घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

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बताते चले कि 74 वर्षीय पद्मश्री कृष्णा राम चौधरी को पांच जनवरी को स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां जांच के बाद डाक्टरों ने आंतों में सिकुड़न बताकर पीजीआई रेफर कर दिया गया। परिजन आठ जनवरी की सुबह पीजीआई लेकर पहुंचे, लेकिन वहां भर्ती करने से ही मना कर दिया गया। उनके बेटे जयशंकर का क हना था कि केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर लेकर आए और यहां ट्रॉमा गैस्ट्रो में भर्ती किया गया था। मंगलवार की ही शाम करीब छह बजे हालत गंभीर देखते हुए सर्जरी कर दी गयी। यहां से आईसीयू भेज दिया गया।

इस दौरान आईसीयू में वेंटिलेटर मिलने में करीब 24 घंटे की देरी होने लगी तो परिजनों ने थकहार कर गृह मंत्रालय से मदद मांगी। उनके हस्तक्षेप के बाद वेंटीलेटर मिल सका था। वेंटिलेटर पर इलाज कराते हुए करीब सात दिन तक भर्ती थे। बेटे जयशंकर के अनुसार बृहस्पतिवार को बनारस के गोलाघाट स्थित आवास पर लोगों के दर्शनार्थ रखा जाएगा। दोपहर में हरिश्चंद्र घाट पर अंतिम संस्कार किया जाएगा।

यह है खास : प्रसिद्ध शहनाई वादक बिसमिल्लाह खां के समकालीन थे, कृष्णा राम चौधरी

उनके बेटे जयशंकर का कहना है कि उनके पिता का जन्म 1936 में हुआ था। उन्होंने शहनाई वादन की दीक्षा अपने पिता बुद्ध लाल चौधरी से ली थी। शहनाई वादन की दीक्षा के बाद बनारस घराने के पंडित महादेव प्रसाद मिश्र के संगीत की जानकारी ली। इसके बाद फिर फिल्मों के संगीत निर्देशक रामलाल सेहरा से भी संगीत की बारीकियां सीखीं थी। इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण पुरस्कार जीते। शहनाई वादन में उन्हें बिसमिल्लाह खां का समकालीन माना जाता है।

शहनाई वादन में मुकाम पर पहुंचे कृष्णा राम चौधरी को पद्मश्री के अलावा भी कई महत्वपूर्ण सम्मान मिल चुके है। वर्ष 1961 में राष्ट्रपति द्वारा 16 साल की ही उम्र में सम्मानित किया गया था। यूपी और बिहार की सरकारों ने भी कई अवार्ड दिए हैं। यूपी संगीत नाटक अकादमी, केंद्रीय संगीत नाटक अकादमी का पुरस्कार जीत चुके हैं। भारत संगीत रत्न भी 2006 में दिया गया था। शहनाई वादक कृष्णा राम चौधरी पद्मश्री वर्ष 2017 में दिया गया था।

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