लखनऊ । किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में शताब्दी अस्पताल में अंग प्रत्यारोपण यूनिट को अत्याधुनिक बनाने के लिए शासन ने पांच करोड़ रुपये का आैर बजट दिया हैं। इस बजट से यूनिट को अत्याधुनिक करने के लिए आईसीयू उपकरणों से युक्त वार्ड, स्टेप डाउन वार्ड, प्राइवेट वार्ड व अन्य महत्वपूर्ण उपकरणों की खरीद की जाएगी। केजीएमयू प्रशासन को उम्मीद है कि मार्च तक अंग प्रत्यारोपण किया जा सकता है।
केजीएमयू में जनवरी 2014 में अंग प्रत्यारोपण की शुरुआत की गयी। केजीएमयू में लोगों को जागरूक करके अब तक 22 ब्रोन डेड मरीजों के गुर्दा व लिवर को निकालकर पीजीआई समेत दिल्ली के दूसरे संस्थानों में भर्ती मरीजों में प्रत्यारोपित किए जा चुके हैं। कुछ अर्सा पहले लिवर प्रत्यारोपण पर उठे विवादों के बाद केजीएमयू डॉक्टरों ने अंग प्रत्यारोपण करने में मदद की है। कुछ महीने से बजट के अभाव में यूपीआरएनएन ने छह माह तक निर्माण कार्य को बंद कर दिया था। यहां पर डेढ़ करोड़ रुपए शासन ने यूनिट के लिए पहले ही आवंटित किए थे।
इस बारे में कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने बताया कि शासन ने यूनिट के लिए अतिरिक्त पांच करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं। इसमें छह बेड का आईसीयू, स्टेप डाउन वार्ड 10 बेड व 10 कमरों का प्राइवेट वार्ड समेत अत्याधुनिक उपकरण लगाए जाएंगे। इन सभी के लग जाने से मरीजों को उच्चस्तरीय इलाज मिलने में मदद मिलेगी।