अश्वगंधा”, ‘गुडूची प्लस पिप्पली”, यष्ठिमधु तथा पॉलीहर्बल आयुष आैषधि का होगा परीक्षण
न्यूज। कोविड-19 रोगियों के लिए पुन: उपयोग में लाये जा सकने वाली दवाओं के 13 क्लीनिकल परीक्षण तथा आधुनिक चिकित्सा उपचार की पद्धति का इस्तेमाल करते हुए परंपरागत ज्ञान का उपयोग करके उपचार के विकल्पों की सूची तैयार की जा रही है। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने दी।
कोविड-19 महामारी आैर केंद्र सरकार द्वारा उठाये गये कदमों पर लोकसभा में बयान देते हुए हर्षवर्धन ने कहा कि भारत में प्रमुख रूप से ध्यान कोविड-19 के टीके के विकास पर रहा है आैर 30 से अधिक टीकों को समर्थन दिया गया है जो विकास के विभिन्न स्तरों पर हैं।
उन्होंने कहा कि ‘इम्युनोमॉड्यूलेटर सेप्सिवाक” के दूसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। इसके अलावा पहली जड़ी-बूटी आधारित (फाइटोफार्मास्युटिकल) दवा एसीक्यूएच का दूसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण चल रहा है।
हर्षवर्धन ने कहा कि ‘अश्वगंधा” का एक रोगनिरोधक परीक्षण आैर ‘गुडूची प्लस पिप्पली”, यष्ठिमधु तथा पॉलीहर्बल आयुष आैषधि (आयुष-64) के तीन परीक्षण मामूली रूप से अस्वस्थ कोविड-19 रोगियों पर करने की योजना है।
उन्होंने कहा कि इस बीमारी के खिलाफ लड़ाई में प्रभावी टीका निश्चित ही कारगर साबित होगा।
हर्षवर्धन ने यह भी कहा कि आयुष मंत्रालय ने कोविड-19 के प्रबंधन आैर उसे कम करने के लिए अनेक उपायों के जरिये योगदान दिया है।