Kgmu : 30 वर्षों से संचालित निजी मेडिकल स्टोर पर ताला जड़ा

0
628

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में करीब 30 वर्षों से संचालित निजी मेडिकल स्टोर पर आखिरकार मंगलवार को ताला लग गया। कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद की सख्त आदेश के बाद मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीके ओझा और चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुरेश कुमार ने मंगलवार को मेडिकल स्टोर में ताला लगवा दिया, तब कहीं दवाओं की बिक्री पर रोक लग सकती। जल्द से जल्द स्टोर खाली करने का अल्टीमेटम दिया गया है।

Advertisement

केजीएमयू परिसर में ओपीडी के नजदीक अमा मेडिकल सेंटर 30 वर्षों से चल रहा था। ओपीडी के नजदीक होने से सेंटर में सुबह से दवा के लिए मरीजों की लाइन लग जाती थी। यहां 20 से 26 प्रतिशत कम कीमत पर मरीजों को दवा दिये जाने का दावा था।
केजीएमयू अधिकारियों का कहना है कि गरीब मरीज, डॉक्टर व कर्मचारियों को लोकल परचेज से दवा देने का नियम है। यह जिम्मेदारी भी निजी मेडिकल स्टोर के पास था। आरोप हैं कि दवाएं निर्धारित समय पर नहीं मिल रही थी। इस कारण मरीजों का इलाज प्रभावित हो रहा था। इससे शासन प्रशासन के अधिकारी भी नाराज़ थे।

केजीएमयू की खूब किरकिरी हो रही थी। कर्मचारियों ने कई बार हंगामा व शिकायत की। इसके बावजूद व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ। आखिरकार कुलपति के निर्देश पर सीएमएस ने सेंटर बंद करने संबंधी आदेश दिया। 22 जुलाई तक सेंटर बंद करना था। इसके बावजूद 29 जुलाई तक जब स्टोर चलता रहा, तो सीएमएस व चिकित्सा अधीक्षक ने सख्ती दिखाते हुए सेंटर में ताला बंद करा दिया।

स्टोर के बाहर दो सुरक्षाकर्मियों को भी बिठा दिया। केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि अब यहां हॉस्पिटल रिवॉल्विंग फंड (एचआरएफ) का सेंटर खोला जाएगा। इसमें मरीजों को 60 से 80 फीसदी कम दामों पर दवाएं मिलेंगी।

Previous articleयूरोलॉजिकल कैंसर में 1000 न्यूनतम मिनिमल इन वेसिव तकनीक से सर्जरी सफल
Next articleकैंसर संस्थान: डॉ.देवाशीष व अन्य डाक्टरों ने लगाया एक पौधा अपनी मां के नाम

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here