लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में चार डाक्टरों पर प्राइवेट प्रैक्टिस करने के आरोप निराधार साबित हुआ है। गठित जांच कमेटी ने इन चारों डाक्टरों को क्लीन चिट दे दी है। बताते चले कि पूर्व मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. एस सी तिवारी सहित अन्य तीन डाक्टरों पर प्राइवेट प्रैक्टिस का आरोप लगा था।
जनहित याचिका के तहत लगे आरोप में केजीएमयू के पूर्व चिकित्सा अधीक्षक पद पर तैनात रह चुके डा. एस सी तिवारी,लॉरी कार्डियोलॉजी के सेवानिवृत्त विभागाध्यक्ष डा. आर के सरन के अलावा आर्थोपैडिक व प्लास्टिक सर्जरी विभाग के एक- एक डाक्टर शामिल थे। आरोप की जांच के लिए केजीएमयू प्रशासन ने तत्काल वर्तमान मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. यूबी मिश्रा के नेतृत्व में टीम का गठन कर दिया था। जांच टीम ने चारो डाक्टरों पर लगे आरोपों की गहन जांच पड़ताल की, लेकिन प्राइवेट प्रैक्टिस करने का किसी भी डाक्टर पर साबित नही हो पाया है। इसके बाद जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में चारो डाक्टरों को क्लीन चिट दे दी है।
बताते चले कि इससे पहले भी केजीएमयू में आर्थोपैडिक, मेडिसिन, सर्जरी व कार्डियक, सीवीटीएस विभाग के कुछ डाक्टरों पर प्राइवेट प्रैक्टिस आरोप लगता आया है। आरोप लगने पर जांच भी शुरू की लेकिन कुछ जांच फाइलों में बंद रह गयी आैर कुछ डाक्टरों के वर्चस्व के आगे बढ़ ही नही पायी थी। एक बार फिर जनहित याचिका के तहत केजीएमयू डाक्टरों पर प्राइवेट प्रैक्टिस करने का आरोप निराधार साबित हुआ है।