निजी अल्ट्रासाउंड सेंटरों ने हेल्थ विभाग की इस योजना किनारा किया

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स्वास्थ्य विभाग ने रिमाइंडर भेजा

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लखनऊ। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत निजी अल्ट्रासाउंड सेंटर गर्भवती महिलाओं की जांच नहीं कर रहे है। निजी अल्ट्रासाउंड सेंटरों का तर्क है कि जांच के लिए दिया जाने वाला शुल्क बहुत कम है। यही कारण है कि नये केंद्र इस योजना में जुड़ नहीं रहे हैं।

स्वास्थ्य विभाग ने सभी निजी अल्ट्रासाउंड सेंटरो को इस योजना में शामिल होने के लिए पत्र भेजा था। बताया जाता है कि बड़ी संख्या में सेंटर इसमें शामिल नहीं हो रहे है। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है निजी केंद्रों को फिर से रिमांइडर भेजा गया है।

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार राजधानी में लगभग 200 निजी केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं का अल्ट्रासाउंड कि या जाता है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत सीएचसी स्तर से गर्भवती महिलाओं को ई ब्वॉउचर दिया जाता है। इससे गर्भवती महिलाएं योजना से जुड़े निजी अल्ट्रासाउंड सेंटर पर जाकर मुफ्त जांच कराती है।

जांच बाद निजी केंद्रों को एनएचएम के माध्यम से तीन सौ रुपए प्रति अल्ट्रासाउंड का भुगतान कर दिया जाता है। स्वास्थ्य विभाग अभी तक महज 60 निजी केंद्रों को इस योजना में जोड़ सका है। जहां पर गर्भवती महिलाओं की मुफ्त जांच हो रही है, लेकिन अभी भी 140 अल्ट्रासाउंड सेंटर इस योजना में अभी तक जुड़े नही है। निजी केंद्रों का कहना है कि एनएचएम से मिलने वाली वाली राशि बेहद कम है। तीन सौ रुपए रेडियोॉलाजिस्ट प्रति अल्ट्रासाउंड फीस ले रहे हैं।

ऐसे में निजी केंद्र इस योजना में शामिल नहीं हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग जरिए फिर से सभी सेंटरों को रिमांइडर भेजकर इसमें शामिल होने का कहा गया है, ताकि गर्भवती को उनके घर के करीब में जांच करा सके। सीएमओ डॉ. मनोज का कहना है कि नये निजी अल्ट्रासाउंड सेंटरों को इसमें जल्द इसमें शामिल किया जाएगा।

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