युवा भी हो रहे हैं प्रोस्टेट कैंसर के शिकार

0
787
Photo Source: https://fthmb.tqn.com

प्रोस्टेट कैंसर पश्चिमी देशों में सबसे ज्यादा कैसर फैलने वाली बीमारी में एक है, लेकिन भारत में, इसकी जांच में अक्सर देरी हो जाती है , क्योंकि मरीज देर से डाक्टर के पास देर से जाते है तब तक यह बीमारी बढ जाती है। यदि जल्दी पता चल जाए तोे इलाज से लंबे समय तक के लिए बीमारी से निजात मिल सकती है। लेकिन, शीघ्र पहचान के लिए, बीमारी के बारे में और उसकी स्क्रीनिंग के तौर- तरीकों के बारे में जागरू काफी महत्वपूर्ण है। दुनिया भर में सितम्बर एवं अक्टूबर माह प्रोस्टेट कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है ।

Advertisement

एक समय 60 वर्ष की उम्र के बाद कम उम्र में हो रही बीमारी –

राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल के वरिष्ठ यूरोलॉजिस्ट डॉ. इस्वर रामदयाल बताते हैं, ‘‘जीवन शैली में बदलाव आने और लोगों की औसत उम्र में वृद्धि होने के साथ, भारत में प्रोस्टेट कैंसर की दर में भी तेजी से वृद्धि हो रही है। लेकिन इस प्रवृत्ति के प्रति जागरूकता के स्तर में इस दर से वृद्धि नहीं हुई है।’’ पुरुशों में करीब 70 प्रतिशत प्रोस्टेट कैंसर 65 वर्ष की आयु से अधिक उम्र के पुरुषों में पहचान की जा रही है।

प्रोस्टेट कैंसर भारतीय पुरुषों में दूसरा सबसे आम कैंसर है, पहला नंबर फेफड़ों के कैंसर का है। यह मौत का छठा सबसे आम कारण है। लखनऊ के संजय गाँधी पी जी याई के निदेशक एवं वरिष्ठ यूरोलॉजिस्ट डॉ. राकेश कपूर कहते हैं, ‘‘हमने हृदय रोगों और मधुमेह पर जागरूकता के बारे काफी कुछ सुना है, लेकिन प्रोस्टेट कैंसर के बारे में अधिक बात नहीं की गयी है। भारतीयों में कैसर के प्रारंभिक लक्षणों की उपेक्षा करने या गलत समझने की प्रवृत्ति होती है, जिसके कारण इसकी पहचान और इलाज में देरी हो जाती है और दवाइयां का प्रभाव कम हो जाता है।

किसी पुरुष को बार- बार, विषेश रूप से रात में बार- बार पेशाब करने की जरूरत महसूस हो, मूत्र धारा कमजोर या बाधित हो और मूत्र या वीर्य में खून हाता हो, तो इन लक्षणों को गंभीरता से लेने की जरूरत है। इन लक्षणों को प्रोस्टेट कैंसर के सबसे प्रमुख संकेत के रूप में माने जाने के बावजूद, इन लक्षणों की अक्सर अनदेखी की जाती है और बुढ़ापे को दोषी ठहराया जाता है।

Previous articleसूडोफेड्रिन बुफ्रेनोरफिन, इफेड्रिन, डाइफिनोक्सीलेट दवा पर प्रतिबंध
Next articleचिकनगुनिया व डेंगू के वायरस में हो रहा बदलाव ?

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here