लखनऊ। गोमती नगर स्थित डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के मुख्य परिसर को कोविड हॉस्पिटल में बदलने की कार्य योजना को अमली जामा पहनाने के लिए कवायद शुरू हो गयी है। प्रशासनिक अधिकारियों ने बैठक कर कार्य योजना पर विचार विमर्श करना शुरू कर दिया। इसकी भनक मिलते ही रेजीडेंट एसोसिएशन व नर्सेस संघ ने इस कार्य योजना को लागू करने पर विरोध दर्ज करा दिया है।
बताते चले कि शहीद पथ के निकट लोहिया संस्थान के मातृ शिशु एवं रेफरल सेन्टर को पहले ही कोविड अस्पताल बन चुका है। कोरोना मरीजों के इलाज को आैर विस्तार देने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों ने विभूति खण्ड स्थित लोंिहया संस्थान की मुख्य भवन में ही कोविड अस्पताल बनाने की कार्य योजना बनायी है। बताते है कि कुछ दिन पहले जब कमिश्नर व डीएम ने मुख्य कैंपस का निरीक्षण किया और बिस्तर बढ़ाने का प्रस्ताव दिया। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारी 350 बिस्तरों वाले मुख्य भवन में कोविड अस्पताल चलाने की कार्य योजना पर काम करने लगे। योजना का पता चलने पर संस्थान के सीनियर डॉक्टरों ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है कि इससे सुपर स्पेशयलिटी सेवाएं ठप हो जाएंगी, जो मरीज हित में सही नहीं होगा। संस्थान में इस समय आंकोसर्जरी, मेडिकल आंकोलॉजी, रेडिएशन आंकोलॉजी, न्यूरो सर्जरी, न्यूरोलॉजी, यूरोलॉजी, कोर्डियोलॉजी, मेडिसिन सीवीटीएस, पीडियाट्रिक सर्जरी समेत करीब 15 विभागों में मरीजों का उच्चस्तरीय इलाज व सर्जरी हो रही है। इन सभी को बंद कर देने पर दूर दराज से आने वाले मरीजों का इलाज ठप हो जाएगा। रेजीडेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. गुरनाम सिंह व सचिव डॉ. अनिल लोधी ने इस योजना को लागू न करने के लिए कहा है। उनका कहना है कि कोविड अस्पताल में कोरोना मरीजों का इलाज होगा जिससे संक्रमण का डर फैलेगा और 500 एमबीबीएस व 140 पीजी छात्रों का शैक्षणिक सत्र खतरे में पड़ जाएगा। उनका प्रस्ताव है कि कैंसर संस्थान को कोविड हॉस्पिटल बनाया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि वहां डाक्टरों की जरूरत होगी तो वह ड्यूटी करने के लिए तैयार हैं। उधर नर्सेज संघ के अध्यक्ष अमित शर्मा ने इस येाजना का विरोध किया और कहा कि कोरोना का इलाज शुरू होने के बाद परिसर में बने आवासों में भी संक्रमण फैलने का डर होगा। लोहिया संस्थान के प्रवक्ता डॉ. श्रीकेश सिंह का कहना है कि अभी तो यह सिर्फ कार्य योजना है। मुख्य परिसर में कोविड हॉस्पिटल बन ही जाएगा यह अभी कहा नही जा सकता है।